देश-विदेश

वक्फ कानून में मचा तूफान: मोदी सरकार ने पेश किए दो नए बिल, मुस्लिम समाज को क्या मिलेगा फायदा और कैसे बदलेगा वक्फ बोर्ड का कामकाज!

वक्फ कानून में मचा तूफान: मोदी सरकार ने पेश किए दो नए बिल, मुस्लिम समाज को क्या मिलेगा फायदा और कैसे बदलेगा वक्फ बोर्ड का कामकाज!

मोदी सरकार ने वक्फ कानून में बड़े बदलाव के लिए दो नए बिल संसद में पेश किए हैं। ये बिल वक्फ कानून 1923 को समाप्त करने और वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन करने के प्रस्तावित हैं। इन बदलावों से मुस्लिम समाज में काफी हलचल मच गई है। चलिए, जानते हैं इन बदलावों का मतलब क्या है और इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा।

पहला बिल वक्फ कानून 1923 को समाप्त करने का है। यह कानून ब्रिटिश काल में वक्फ संपत्तियों की पहचान और सूची बनाने के लिए लागू किया गया था। इस कानून के तहत, वक्फ संपत्तियों पर कब्जे की शिकायतों को दूर करने के लिए यह व्यवस्था की गई थी। अब, इस कानून को समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में नया तरीका लागू होगा।

दूसरे बिल में वक्फ कानून 1995 में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए जाएंगे। इस नए बिल का नाम होगा “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995″। इसमें वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, वक्फ पंजीकरण के तरीकों को सुव्यवस्थित करने के लिए एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस की व्यवस्था की जाएगी।

इसमें दो सदस्यों के साथ ट्रिब्यूनल की संरचना में सुधार भी किया जाएगा। ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ 90 दिनों के भीतर अपील करने का समय दिया जाएगा। वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया जाएगा।

वक्फ परिषद में केंद्रीय मंत्री, तीन सांसद, मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि, और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के पूर्व जजों को शामिल किया जाएगा। इसमें कम से कम दो महिलाओं का होना अनिवार्य होगा।

ये बदलाव वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने के साथ-साथ मुस्लिम समाज में अधिक पारदर्शिता और प्रतिनिधित्व लाने का प्रयास हैं।

ये भी पढ़ें: उद्धव ठाकरे का दिल्ली दौरा: क्या कांग्रेस से समर्थन प्राप्त कर पाएंगे मुख्यमंत्री पद के लिए?

You may also like