Guardian Minister: महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) हमेशा से ही अपने उतार-चढ़ाव और विवादों के लिए जानी जाती रही है। हाल ही में राज्य की राजनीति में एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया जिसने सभी का ध्यान खींचा। यह घटनाक्रम राज्य के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने संरक्षक मंत्री पदों की घोषणा की, लेकिन यह फैसला महायुति के भीतर विवाद का कारण बन गया। इसके चलते फडणवीस को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा।
Guardian Minister: संरक्षक मंत्री नियुक्ति पर विवाद
राज्य में संरक्षक मंत्री (Guardian Minister) नियुक्त करने के लिए देवेंद्र फडणवीस ने एक सूची जारी की थी। इस सूची में रायगढ़ जिले के संरक्षक मंत्री पद पर अदिति तटकरे (Aditi Tatkare) और नासिक जिले में गिरीश महाजन (Girish Mahajan) को चुना गया। लेकिन शिवसेना के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) इस निर्णय से असंतुष्ट थे।
शिवसेना के दिग्गज नेता भरत गोगवले और दादा भुसे ने अपनी असहमति स्पष्ट की। गोगवले रायगढ़ जिले का संरक्षक मंत्री पद चाहते थे, जबकि भुसे नासिक जिले के लिए अपना दावा कर रहे थे। उनके समर्थकों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया। गोगवले के समर्थकों ने मुंबई-गोवा हाईवे पर दो घंटे तक प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बाधित हुआ।
दावोस दौरे पर फडणवीस
मुख्यमंत्री फडणवीस उस समय दावोस में थे, जब यह विवाद गहराया। दावोस में व्यस्त कार्यक्रम के बीच, फडणवीस को शिंदे का फोन आया। शिंदे ने उन्हें पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष और समर्थकों के आंदोलनों के बारे में अवगत कराया।
शिंदे ने गोगवले और भुसे के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर इन नेताओं की मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो यह शिवसेना के भीतर असंतोष को और गहरा कर सकता है। फडणवीस ने शिंदे की बातों को गंभीरता से लेते हुए अदिति तटकरे और गिरीश महाजन की नियुक्ति को स्थगित करने का निर्णय लिया।
महायुति में खींचतान जारी
महायुति (BJP-SS-NCP) की सरकार बनने के बाद से ही विभिन्न मुद्दों पर दलों के बीच खींचतान चल रही है। मुख्यमंत्री पद से लेकर विभागों के बंटवारे तक, हर निर्णय में विवाद देखने को मिला है। संरक्षक मंत्री पद का विवाद इस खींचतान की ताजा कड़ी है।
शिवसेना और भाजपा के बीच नासिक में संरक्षक मंत्री पद को लेकर तकरार है, जबकि रायगढ़ में शिवसेना और एनसीपी आमने-सामने हैं। इन विवादों के कारण महायुति सरकार के भीतर अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है।
शिंदे की भूमिका
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के नेताओं की नाराजगी को गंभीरता से लिया और तुरंत फडणवीस से संपर्क किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि शिवसेना के अंदर बढ़ते असंतोष को हल्के में लेना नुकसानदायक हो सकता है। शिंदे ने फडणवीस से अदिति तटकरे और गिरीश महाजन की नियुक्ति स्थगित करने का अनुरोध किया।
आने वाले समय में क्या?
संरक्षक मंत्री नियुक्तियों का यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में दलों के आपसी संबंधों को उजागर करता है। महायुति के तीनों दलों के नेताओं को एकजुट रहकर इन मुद्दों को सुलझाना होगा, ताकि सरकार स्थिरता से चल सके।
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