गुजरात के अहमदाबाद स्थित ख्याति हॉस्पिटल ने हाल ही में ऐसा कारनामा किया है जिसने सभी को चौंका दिया। अस्पताल पर आरोप है कि उन्होंने पीएम-जन आरोग्य योजना (PM-Jan Arogya Yojana) के तहत अवैध लाभ उठाने के लिए मरीजों की ज़िंदगियों से खिलवाड़ किया।
यह मामला तब उजागर हुआ जब मेहसाणा जिले के बोरिसाना गांव के दो मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतकों में से एक 18 वर्षीय युवक भी था, जिसकी एंजियोप्लास्टी की गई थी, जबकि उसकी ऐसी कोई जरूरत नहीं थी। इस अस्पताल ने सरकारी योजना का दुरुपयोग करते हुए कई मासूमों की जान को जोखिम में डाला।
ऑपरेशन के नाम पर खेल
ख्याति अस्पताल ने मरीजों को धोखे में रखकर मेडिकल शिविरों के जरिए अपनी साजिश को अंजाम दिया। शिविरों में प्राथमिक जांच के बाद मरीजों को अस्पताल ले जाया गया, जहां गुजरात स्वास्थ्य घोटाले (Gujarat health scam) का हिस्सा बनते हुए उन्हें जबरदस्ती एंजियोप्लास्टी जैसे बड़े ऑपरेशन के लिए मजबूर किया गया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि पिछले 18 महीनों में अस्पताल में इसी तरह के कम से कम पांच और मामले सामने आए हैं। इनमें से चार मरीजों की मौत अनावश्यक एंजियोप्लास्टी के कारण हुई है। मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो चुकी है, जिससे इस पूरे घोटाले की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
सोमवार को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने इस घोटाले के मास्टरमाइंड चिराग राजपूत और उनके चार अन्य सहयोगियों को कपड़वंज के पास गिरफ्तार किया। चिराग अस्पताल के मार्केटिंग और ब्रांडिंग डायरेक्टर हैं। उनका काम पीएम-जन आरोग्य योजना (PM-Jan Arogya Yojana) और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अवैध रूप से मुनाफा कमाना था।
इस रैकेट में अन्य प्रमुख लोग भी शामिल थे, जिनमें पंकिल पटेल और प्रतीक भट्ट का नाम सामने आया है। ये दोनों स्थानीय गांवों में मेडिकल कैंप आयोजित कर, भोले-भाले ग्रामीणों को इलाज के लिए अस्पताल लाने का काम करते थे।
अवैध लाभ का जाल
जांचकर्ताओं ने पाया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने सरकार से पैसे ऐंठने के लिए कई मामलों में गैरजरूरी चिकित्सा प्रक्रियाएं कीं। मरीजों को यह समझाया गया कि उनकी जान बचाने के लिए ऑपरेशन जरूरी है। इसके बाद अस्पताल ने गुजरात स्वास्थ्य घोटाले (Gujarat health scam) के तहत सरकारी योजना का पैसा निकालने के लिए झूठी रिपोर्ट बनाई।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, अस्पताल का यह नेटवर्क काफी बड़ा है और इसके तार अहमदाबाद के आसपास के जिलों से जुड़े हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने इस योजना का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की कमाई की।
क्या है आगे की जांच?
पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि कितने और मरीज इस घोटाले का शिकार हुए हैं। एफआईआर में जिन डॉक्टरों और निदेशकों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है। फिलहाल आरोपी तीन दिनों की पुलिस हिरासत में हैं और अस्पताल से जुड़े अन्य कर्मचारियों से पूछताछ चल रही है।
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