सेन्ट्रल रेलवे हमेशा ही सुर्खियों में रहती है – लेट लतीफ लोकल, भीड़-भाड़, या कुछ और गड़बड़! पर इस बार मामला कुछ अलग है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि डोंबिवली स्टेशन की एक टिकट पर गुजराती भाषा में छपाई हुई है! ये टिकट डोंबिवली से घाटकोपर स्टेशन का है। क्या वाकई में ऐसा हुआ है?
इस वायरल हो रही फोटो में दिख रहा है कि टिकट पर अंग्रेजी के नीचे “जनरल टिकिट टुवर्ड्स डोंबिवली टू घाटकोपर” वाला हिस्सा गुजराती में छपा हुआ है। सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है! लोग बोल रहे हैं कि महाराष्ट्र को गुजरात के सामने झुकाने का सपना देखने वालों की अब खैर नहीं!
गुजराती मध्ये लोकल गाडीचे तिकीट? #Dombivali #डोंबिवली #Mumbai #Marathinews #मराठी pic.twitter.com/PlOQUgVABI
— Yogesh Sawant 🇮🇳 (@yogeshssawant1) March 12, 2024
कुछ लोग तो रेलवे अधिकारियों को भी खरी-खोटी सुना रहे हैं। रेलवे वालों का कहना है कि प्रिंटर में कुछ गड़बड़ हो गई होगी, इसलिए ऐसा हुआ। पर कई लोग इस बात पर यकीन नहीं कर रहे!
परत पुन्हा fake tweet@nakashe_vijay डोळ्यांच्या दवाखान्यात डोळे तपासून घ्या नंतर गुजरात लेखन वाचनाचे शिक्षण घ्या.
रेल्वे तिकीट मध्ये कुठेही गुजराती शब्दाचा उल्लेख नाही. “डोंबिवली घाटकोपर” हिंदी, इंग्रजी आणि मराठी मध्ये लिहिले आहे.
गुजराती मध्ये“ ડોમ્બિવલી ઘાટકોપર ” असं लिहितात. https://t.co/vcNI45l24n— Vilas K. (Modi Ka Pariwar) (@VilasKumar07) March 13, 2024
कुछ लोग बोल रहे हैं कि इस टिकट पर “डोंबिवली” गुजराती में नहीं लिखा, और गुजराती में छपाई कुछ और ही होती है। ये बहस अब राजनीतिक रंग भी ले रही है। ठाकरे ग्रुप वाले सरकार को कोस रहे हैं, और बीजेपी वाले इसका बचाव कर रहे हैं।
अब ये प्रिंटर की गलती है, या गुजराती थोपने की चाल है, ये तो वही जाने! पर एक बात तो साफ है – महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है। देखना होगा कि ये मामला आगे कौन सा रूप लेता है।