देश-विदेश

Hair Loss Due to Government Grain: सरकारी अनाज बना आफत, महाराष्ट्र में झड़ने लगे लोगों के बाल?

Hair Loss Due to Government Grain: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में सरकारी राशन से मिलने वाला गेहूं लोगों के लिए आफत बन गया है। सैकड़ों लोगों के बाल अचानक झड़ने लगे, और जब इसकी जांच की गई, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पंजाब से सप्लाई हुए इस गेहूं में सेलेनियम नामक जहरीले तत्व की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक पाई गई, जिससे लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा है। क्या हुआ बुलढाणा में? What Happened in Buldhana? बुलढाणा जिले के 15 गांवों में 300 से अधिक लोगों ने बाल झड़ने की शिकायत की। इनमें गांव के सरपंच भी शामिल थे। जब इस समस्या की जड़ तलाशने के लिए गेहूं के नमूनों की जांच की गई, तो पता चला कि गेहूं में सेलेनियम की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉ. हिमतराव बावस्कर की अगुवाई में हुई स्टडी में पाया गया कि बिना धोए गए गेहूं में सेलेनियम की मात्रा 14.52 एमजी/केजी थी, जबकि सामान्य स्तर 0.1 से 1.9 एमजी/केजी के बीच होना चाहिए। धोने के बाद भी यह मात्रा 13.61 एमजी/केजी रही, जो अभी भी खतरनाक स्तर पर थी। सेलेनियम: फायदेमंद या नुकसानदेह? Selenium: Beneficial or Harmful? सेलेनियम एक ऐसा तत्व है जो शरीर के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा नुकसानदेह हो सकती है। यह तत्व बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी जिंक की कमी का कारण बन सकता है। डॉ. बावस्कर की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रभावित लोगों के शरीर में जिंक की भारी कमी थी, जो बाल झड़ने का मुख्य कारण बना। पंजाब से सप्लाई हुआ था गेहूं Wheat Supplied from Punjab जांच में पाया गया कि यह गेहूं पंजाब से सप्लाई किया गया था। डॉ. बावस्कर ने बताया कि पंजाब के कुछ इलाकों में पहले भी सेलेनियम युक्त बाढ़ का असर फसलों पर देखा गया है। इससे यह शक जताया जा रहा है कि वही जहरीला गेहूं सरकारी सप्लाई चेन में शामिल हो गया। डॉ. बावस्कर की पहल Dr. Bhavskar’s Initiative डॉ. हिमतराव बावस्कर ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने खुद 92,000 रुपये खर्च करके लैब टेस्ट करवाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। डॉ. बावस्कर इससे पहले भी बुलढाणा में पब्लिक हेल्थ से जुड़ी बड़ी समस्याओं की जांच कर चुके हैं। 2010 में उन्होंने जिले के 200 गांवों में किडनी की बीमारियों के बढ़ते मामलों की जांच की थी, जिसमें पाया गया था कि वहां के पानी में कैडमियम और लेड की खतरनाक मात्रा मौजूद थी। सरकारी सप्लाई चेन पर सवाल Questions on Government Supply Chain यह मामला सरकारी सप्लाई चेन की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर सरकारी राशन में इतनी बड़ी खामी हो सकती है, तो यह जनता के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। इस घटना के बाद सरकार को अपनी सप्लाई चेन की निगरानी और मजबूत करने की जरूरत है। Hair Loss Due to Government Grain: What’s Next? बुलढाणा में गेहूं से जुड़ा यह मामला सरकारी सप्लाई चेन की खामियों को उजागर करता है। सेलेनियम की अधिक मात्रा वाला गेहूं लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करती है। #Buldhana #GovernmentWheat #HairLoss #SeleniumContamination #PublicHealth ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: मैच के दौरान शख्स ने लगाया पाकिस्तान का नारा, नीलेश राणे ने चलवा दिया बुलडोजर

Hair Loss Due to Government Grain: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में सरकारी राशन से मिलने वाला गेहूं लोगों के लिए आफत बन गया है। सैकड़ों लोगों के बाल अचानक झड़ने लगे, और जब इसकी जांच की गई, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पंजाब से सप्लाई हुए इस गेहूं में सेलेनियम नामक जहरीले तत्व की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक पाई गई, जिससे लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा है।

क्या हुआ बुलढाणा में?

What Happened in Buldhana?

बुलढाणा जिले के 15 गांवों में 300 से अधिक लोगों ने बाल झड़ने की शिकायत की। इनमें गांव के सरपंच भी शामिल थे। जब इस समस्या की जड़ तलाशने के लिए गेहूं के नमूनों की जांच की गई, तो पता चला कि गेहूं में सेलेनियम की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक है।

पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉ. हिमतराव बावस्कर की अगुवाई में हुई स्टडी में पाया गया कि बिना धोए गए गेहूं में सेलेनियम की मात्रा 14.52 एमजी/केजी थी, जबकि सामान्य स्तर 0.1 से 1.9 एमजी/केजी के बीच होना चाहिए। धोने के बाद भी यह मात्रा 13.61 एमजी/केजी रही, जो अभी भी खतरनाक स्तर पर थी।

सेलेनियम: फायदेमंद या नुकसानदेह?

Selenium: Beneficial or Harmful?

सेलेनियम एक ऐसा तत्व है जो शरीर के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा नुकसानदेह हो सकती है। यह तत्व बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी जिंक की कमी का कारण बन सकता है। डॉ. बावस्कर की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रभावित लोगों के शरीर में जिंक की भारी कमी थी, जो बाल झड़ने का मुख्य कारण बना।

पंजाब से सप्लाई हुआ था गेहूं

Wheat Supplied from Punjab

जांच में पाया गया कि यह गेहूं पंजाब से सप्लाई किया गया था। डॉ. बावस्कर ने बताया कि पंजाब के कुछ इलाकों में पहले भी सेलेनियम युक्त बाढ़ का असर फसलों पर देखा गया है। इससे यह शक जताया जा रहा है कि वही जहरीला गेहूं सरकारी सप्लाई चेन में शामिल हो गया।

डॉ. बावस्कर की पहल

Dr. Bhavskar’s Initiative

डॉ. हिमतराव बावस्कर ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने खुद 92,000 रुपये खर्च करके लैब टेस्ट करवाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। डॉ. बावस्कर इससे पहले भी बुलढाणा में पब्लिक हेल्थ से जुड़ी बड़ी समस्याओं की जांच कर चुके हैं। 2010 में उन्होंने जिले के 200 गांवों में किडनी की बीमारियों के बढ़ते मामलों की जांच की थी, जिसमें पाया गया था कि वहां के पानी में कैडमियम और लेड की खतरनाक मात्रा मौजूद थी।

सरकारी सप्लाई चेन पर सवाल

Questions on Government Supply Chain

यह मामला सरकारी सप्लाई चेन की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर सरकारी राशन में इतनी बड़ी खामी हो सकती है, तो यह जनता के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। इस घटना के बाद सरकार को अपनी सप्लाई चेन की निगरानी और मजबूत करने की जरूरत है।

Hair Loss Due to Government Grain: What’s Next?

बुलढाणा में गेहूं से जुड़ा यह मामला सरकारी सप्लाई चेन की खामियों को उजागर करता है। सेलेनियम की अधिक मात्रा वाला गेहूं लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करती है।


#Buldhana #GovernmentWheat #HairLoss #SeleniumContamination #PublicHealth

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: मैच के दौरान शख्स ने लगाया पाकिस्तान का नारा, नीलेश राणे ने चलवा दिया बुलडोजर

You may also like