मुंबई

Haj Committee Restarts UPSC Coaching Centre: हज कमेटी ने फिर शुरू किया UPSC कोचिंग सेंटर, 20% सीटें अन्य अल्पसंख्यकों के लिए

Haj Committee Restarts UPSC Coaching Centre: हज कमेटी ने फिर शुरू किया UPSC कोचिंग सेंटर, 20% सीटें अन्य अल्पसंख्यकों के लिए

Haj Committee Restarts UPSC Coaching Centre: मुंबई का हज हाउस, जो हर साल हज यात्रियों के सपनों को साकार करता है, अब एक बार फिर सिविल सेवा के सपने देखने वाले युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बनने जा रहा है। हज कमेटी ऑफ इंडिया (Haj Committee of India) ने अपने मुंबई स्थित UPSC कोचिंग सेंटर (UPSC Coaching Centre) को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। यह सेंटर, जो दिसंबर 2023 से बंद था, अब 2026 की सिविल सेवा परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को तैयार करेगा। खास बात यह है कि इस बार 20% सीटें अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित की गई हैं। यह पहल न केवल समावेशिता को बढ़ावा देगी, बल्कि देश के युवाओं को एक मंच देगी, जहां वे अपने सपनों को हकीकत में बदल सकें।

यह कहानी 2009 में शुरू हुई, जब हज कमेटी ने मुंबई के हज हाउस में एक आवासीय कोचिंग सेंटर की नींव रखी। इसका मकसद था मुस्लिम छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना। तब से अब तक, इस सेंटर ने करीब 1,500 छात्रों को प्रशिक्षित किया, जिनमें से 25 ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की। यह सेंटर हज यात्रियों के दान से चलता है, जिसने इसे बिना सरकारी फंड के एक अनूठा मॉडल बनाया। लेकिन 2022 में सीटों की संख्या कम होने और कोविड-19 महामारी के कारण दाखिला प्रक्रिया में देरी ने सेंटर को दिसंबर 2023 में अस्थायी रूप से बंद करने के लिए मजबूर कर दिया। इस बंदी ने कई युवाओं के सपनों पर ब्रेक लगा दिया, लेकिन अब नई शुरुआत की खबर ने फिर से उम्मीद जगाई है।

22 मई 2025 को हज कमेटी ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की, जिसमें 2026 की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए। इस बार सेंटर में कुल 100 सीटें होंगी, जिनमें से 80 मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए और 20 अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, SC, ST, और OBC उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। यह पहली बार है जब हज कमेटी ऑफ इंडिया (Haj Committee of India) ने आधिकारिक तौर पर गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए सीटें आरक्षित की हैं। पहले गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को अनौपचारिक रूप से परीक्षा के दौरान आवास की सुविधा दी जाती थी, लेकिन अब यह समावेशी नीति एक नया इतिहास रचने जा रही है। हज कमेटी के सीईओ शनवास सी. ने बताया कि यह फैसला पिछले साल लिया गया था, ताकि सेंटर को और समावेशी बनाया जा सके। उनका मानना है कि इससे न केवल प्रतिस्पर्धी माहौल बनेगा, बल्कि एक स्वस्थ शैक्षिक वातावरण भी तैयार होगा।

दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रखा गया है। 13 जुलाई 2025 को देश भर के 21 केंद्रों पर एक प्रवेश परीक्षा होगी। इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ), निबंध लेखन, और व्यक्तिगत साक्षात्कार शामिल होंगे। चुने गए 100 उम्मीदवारों को 11 अगस्त 2025 से कोचिंग शुरू होगी। यह कोचिंग पूरी तरह मुफ्त होगी, और आवास की सुविधा भी निशुल्क दी जाएगी। हालांकि, भोजन के लिए सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी नीति को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। हज कमेटी के डिप्टी सीईओ सदाफत अली ने बताया कि भोजन से जुड़े खर्चों के लिए एक स्पष्ट नीति जल्द तैयार की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि आर्थिक तंगी किसी छात्र के सपनों में बाधा न बने।

इस सेंटर की खासियत यह है कि यह विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के लिए बनाया गया है, खासकर उन मुस्लिम छात्राओं के लिए, जिन्हें परिवार की अनुमति लेने में मुश्किल होती है। मुंबई विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और पूर्व छात्र शाहेबाज मणियार ने बताया कि हज हाउस का सुरक्षित माहौल माता-पिता को भरोसा देता है। खासकर लड़कियों के लिए, यह सेंटर एक ऐसी जगह है, जहां वे बिना किसी चिंता के अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकती हैं। 2010 में, इस सेंटर के पहले बड़े सफलता के रूप में सलमान ताज पाटिल ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जगह बनाई थी। इसके बाद से, 25 छात्र सिविल सेवा और 150 से अधिक अन्य संबद्ध सेवाओं में चुने गए।

हज कमेटी ने इस बार उम्र सीमा को 30 साल तक सीमित रखा है, भले ही UPSC OBC उम्मीदवारों के लिए 35 साल और SC/ST के लिए 37 साल तक छूट देता है। शनवास सी. ने बताया कि यह फैसला युवा उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया है। हालांकि, कुछ उम्मीदवारों ने इस सीमा पर सवाल उठाए हैं, लेकिन हज कमेटी का मानना है कि यह नीति नए और उत्साही छात्रों को मौका देगी। आवेदन प्रक्रिया 22 मई से शुरू हो चुकी है और 21 जून 2025 तक ऑनलाइन फॉर्म भरे जा सकते हैं। इसके लिए 100 रुपये का पंजीकरण शुल्क देना होगा।

इस पहल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का पूरा समर्थन प्राप्त है। शनवास सी. ने बताया कि भविष्य में अन्य राज्यों में भी ऐसे सेंटर खोलने की योजना है, जहां जरूरी बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो। महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने भी इस सेंटर के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हज हाउस साल में केवल डेढ़ महीने के हज सीजन के लिए व्यस्त रहता है, बाकी समय इसका उपयोग युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा सकता है। यह सेंटर न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि सामाजिक समावेश और राष्ट्र निर्माण का प्रतीक भी है।

2022 में सीटें कम होने पर हुए विरोध और कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों ने सेंटर को मुश्किल दौर से गुजारा। लेकिन अब इसकी वापसी ने उन सैकड़ों युवाओं को नई प्रेरणा दी है, जो सिविल सेवा में अपना भविष्य देखते हैं। 2023 में, इस सेंटर के चार पूर्व छात्रों—आयशा काजी, सैयद एम हुसैन, तस्कीन खान, और एम बुरहान ज़मान—ने UPSC परीक्षा पास की थी, हालांकि उन्हें सेंटर की सीट कटौती के कारण बीच में छोड़ना पड़ा था। आयशा काजी, जो थाने की रहने वाली हैं, ने बताया कि हज हाउस ने उन्हें शुरुआती प्रेरणा दी, जिसके बाद उन्होंने घर पर पढ़ाई जारी रखी।

#HajCommittee #UPSCCoaching #CivilServices2026 #MinorityEducation #MumbaiHajHouse

ये भी पढ़ें: SEBI Bans Ex-CEO for Trading: इंडसइंड बैंक में इनसाइडर ट्रेडिंग, सेबी ने पूर्व सीईओ सहित पांच पर लगाया प्रतिबंध

You may also like