हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख में अचानक बदलाव कर दिया गया है। पहले यह चुनाव एक अक्टूबर को होने वाला था, लेकिन अब इसे पांच अक्टूबर के लिए पुनर्निर्धारित कर दिया गया है। इस बदलाव के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है जिसे निर्वाचन आयोग ने ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
निर्वाचन आयोग का निर्णय
निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि बदलकर पांच अक्टूबर कर दी है। इस निर्णय का कारण बिश्नोई समुदाय के एक महत्वपूर्ण त्योहार से जुड़ा हुआ है। बिश्नोई समुदाय सदियों पुरानी परंपरा के तहत अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में एक विशेष त्योहार मनाते हैं, जो इस साल दो अक्टूबर को पड़ रहा है। इस त्योहार में पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के बिश्नोई समुदाय के लोग राजस्थान के मुकाम गांव में इकट्ठा होते हैं।
बिश्नोई समुदाय का अभिवेदन
ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा, बीकानेर के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग को एक अभिवेदन भेजा था, जिसमें उन्होंने चुनाव की तिथि को पुनर्निर्धारित करने का अनुरोध किया था। उनका तर्क था कि इस त्योहार के कारण हजारों बिश्नोई परिवार अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वे इस समय राजस्थान में होंगे। इस अभिवेदन को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तिथि को पांच अक्टूबर कर दिया है।
मतदान और मतगणना की नई तारीखें
निर्वाचन आयोग के इस निर्णय के बाद, अब हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना की तारीख भी बदल दी गई है। पहले यह मतगणना चार अक्टूबर को होने वाली थी, लेकिन अब इसे आठ अक्टूबर के लिए निर्धारित किया गया है।
निर्णय का महत्व
यह फैसला बिश्नोई समुदाय के परंपराओं और उनके मतदान के अधिकार का सम्मान करते हुए लिया गया है। निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूरा मौका मिले। इस प्रकार का निर्णय यह दर्शाता है कि निर्वाचन प्रक्रिया में सभी समुदायों और उनकी परंपराओं का ध्यान रखा जाता है।
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