Congress CM tussle: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बस कुछ ही घंटों में आने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए ज़बरदस्त घमासान मचा हुआ है। हरियाणा चुनाव परिणाम (Haryana election results) का इंतजार तो हो रहा है, लेकिन पार्टी में पहले से ही सत्ता के लिए खींचतान शुरू हो गई है। कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद के कई बड़े दावेदार उभर कर सामने आए हैं, जिनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा सबसे आगे माने जा रहे हैं।
कांग्रेस की संभावित जीत और सीएम पद के दावेदार
कांग्रेस इस बार के हरियाणा चुनाव परिणाम (Haryana election results) को लेकर बेहद आश्वस्त है, क्योंकि एग्जिट पोल के मुताबिक पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि 10 साल बाद सत्ता में उनकी वापसी हो सकती है। इसी के चलते पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा शुरू हो गई है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो हरियाणा की राजनीति में एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, ने हाल ही में कहा कि वह अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं और कांग्रेस सीएम घमासान (Congress CM tussle) में एक मजबूत दावेदार हैं। हुड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह उसे पूरी तरह से मानेंगे। हुड्डा का यह बयान साफ इशारा करता है कि वह मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में गंभीरता से लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “मैं न तो ‘टायर्ड’ हूं और न ही ‘रिटायर्ड’। आलाकमान का फैसला सबको मानना होगा।”
कुमारी शैलजा, जो हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख नेता के रूप में उभरी हैं, मुख्यमंत्री पद की रेस में हुड्डा के साथ कड़ी टक्कर दे रही हैं। शैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्णय पार्टी का आलाकमान करेगा और इस फैसले को सभी नेताओं को मानना होगा। शैलजा का मानना है कि हरियाणा के लोग बीजेपी के 10 साल के शासन से नाराज़ हैं और इस बार कांग्रेस पर पूरा भरोसा कर रहे हैं। उनकी साफ छवि और जनता में लोकप्रियता ने उन्हें कांग्रेस सीएम घमासान (Congress CM tussle) में आगे बढ़ा दिया है।
पार्टी के भीतर खींचतान और मुख्यमंत्री पद की दौड़
हरियाणा में कांग्रेस की संभावित जीत के साथ ही पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद की लड़ाई ने जोर पकड़ लिया है। कई वरिष्ठ नेता इस दौड़ में शामिल हैं, जिनमें प्रमुख नाम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और उदय भान हैं। हालांकि, हुड्डा और शैलजा को सबसे आगे माना जा रहा है। हुड्डा का पार्टी में लंबा अनुभव और व्यापक समर्थन है, जबकि शैलजा की छवि एक साफ-सुथरी और समर्पित नेता की है, जिसने उन्हें एक महत्वपूर्ण दावेदार बना दिया है।
हुड्डा का राजनीतिक कद और पार्टी में उनका प्रभाव उन्हें कांग्रेस सीएम घमासान (Congress CM tussle) में एक मजबूत स्थिति में रखता है, जबकि शैलजा को पार्टी की युवा पीढ़ी का समर्थन प्राप्त है। शैलजा ने कहा कि चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह सभी को स्वीकार होगा। इस तरह, हरियाणा में कांग्रेस की संभावित जीत के साथ ही पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद की रेस और भी दिलचस्प होती जा रही है।
एग्जिट पोल्स और कांग्रेस की उम्मीदें
अधिकांश एग्जिट पोल्स कांग्रेस की शानदार वापसी का संकेत दे रहे हैं, जिससे पार्टी के अंदर उत्साह और जोश चरम पर है। एग्जिट पोल्स के अनुसार, कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना है, जिससे पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि सत्ता में उनकी वापसी हो रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने पार्टी को व्यापक समर्थन दिया है, और यह चुनाव परिणामों में साफ नजर आ सकता है।
हुड्डा और शैलजा दोनों ही जनता के बीच लोकप्रिय हैं, और पार्टी के भीतर भी उन्हें व्यापक समर्थन प्राप्त है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुनता है। क्या हुड्डा अपने अनुभव के दम पर मुख्यमंत्री बनेंगे, या फिर शैलजा को पार्टी का नया चेहरा बनाया जाएगा? कांग्रेस के भीतर यह घमासान नतीजों के बाद और भी तेज हो सकता है, लेकिन फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पार्टी का अगला नेता कौन होगा।
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