हाल ही में वक्फ कानून को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने इस मुद्दे पर शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस और विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने न केवल उद्धव ठाकरे पर तंज कसा, बल्कि मुस्लिम समुदाय को लेकर भी कई विवादित बयान दिए। आइए, जानते हैं कि संजय निरुपम ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या कहा और क्यों मचा है इतना बवाल।
वक्फ की जमीनों पर संजय निरुपम का बड़ा दावा
6 अप्रैल को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निरुपम ने वक्फ कानून और उससे जुड़ी जमीनों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार को एक रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए। वक्फ के पास 90 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन है, ये बात सबको पता होनी चाहिए। कांग्रेस ने इन जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा है, इसे उजागर करना जरूरी है। इसके अलावा, कुछ बिजनेस करने वाले मौलानाओं ने भी इन जमीनों पर कब्जा किया हुआ है, इसकी जांच होनी चाहिए।” उनका ये बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
शिवसेना यूबीटी और संजय राउत पर तीखा हमला
संजय निरुपम ने शिवसेना यूबीटी और संजय राउत को भी नहीं बख्शा। उन्होंने आरोप लगाया, “शिवसेना यूबीटी ने वक्फ के खिलाफ अपनी भूमिका रखी, लेकिन राज्यसभा में वो तिलमिला गए। संजय राउत ने नीच स्तर पर जाकर प्रफुल पटेल को दलाल और दाऊद का आदमी कहा। सच ये है कि वक्फ के बाद उद्धव की पार्टी और संजय राउत का स्तर गिर गया है। मुझे लगता है कि अब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है। कुछ मुस्लिम वोटों और मुस्लिम संगठनों से मिलने वाले पैसे के लिए उन्होंने ये सब किया।”
रामनवमी पर दिया विवादित बयान
रामनवमी को लेकर भी संजय निरुपम ने अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा, “ये बहुत शर्मनाक है कि जब पूरा देश राम जन्मोत्सव मनाएगा, तब कुछ जिहादी प्रवृत्ति के मुस्लमान जानबूझकर माहौल खराब करते हैं। इस वजह से सरकार को अलर्ट जारी करना पड़ता है। हिंदू त्योहारों पर अलर्ट रखना शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदुस्तान में हिंदुओं को अपनी शोभा यात्रा निकालने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ता है।” उनका ये बयान भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उद्धव ठाकरे को बताया ‘मुसलमानों का मसीहा’
संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, “सेक्युलर लोगों की वजह से पश्चिम बंगाल की सियासत चलती है, जहां हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है। उद्धव ठाकरे भी ममता बनर्जी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। वो महाराष्ट्र के ममता बनर्जी बन गए हैं और मुसलमानों के नए मसीहा बन गए हैं।” उनके इस बयान ने विपक्षी दलों को निशाने पर लिया है।
एमवीए के बिखरने का दावा
संजय निरुपम ने शरद पवार का जिक्र करते हुए कहा, “शरद पवार देश के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें सही-गलत की समझ है। उनके सांसदों ने वक्फ के समर्थन में वोट दिया, क्योंकि वो जानते हैं कि वक्फ के नाम पर धंधा चल रहा है। शरद पवार की इस भूमिका से एमवीए गठबंधन अब बिखरेगा।” उनका ये दावा महाराष्ट्र की सियासत में नई हलचल पैदा कर सकता है।
संजय निरुपम के इन बयानों ने वक्फ कानून, मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनके आरोपों ने शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे को कठघरे में खड़ा किया है। अब देखना ये है कि विपक्ष इसका जवाब कैसे देता है और महाराष्ट्र की सियासत में आगे क्या मोड़ आता है।
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