Hassan Nasrallah: हिज्बुल्लाह के मशहूर लीडर हसन नसरल्लाह की मौत की खबर ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। इजरायल ने शनिवार की सुबह लेबनान की राजधानी बेरूत पर जोरदार हमला किया। इस हमले में हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत (Hezbollah chief Hassan Nasrallah’s death) हो गई। यह खबर सच है क्योंकि खुद हिज्बुल्लाह ने इसकी पुष्टि कर दी है।
नसरल्लाह की जिंदगी और मौत
हसन नसरल्लाह पिछले 32 साल से हिज्बुल्लाह का लीडर था। वो 1982 में इस संगठन से जुड़ा था जब इजरायल ने लेबनान पर हमला किया था। 1992 में वो हिज्बुल्लाह का बॉस बन गया। नसरल्लाह ने इस संगठन को बहुत ताकतवर बनाया। उसके नेतृत्व में हिज्बुल्लाह के पास 20 से 25 हजार फुल टाइम लड़ाके हो गए। इतना ही नहीं हजारों की संख्या में रिजर्व लड़ाके भी तैयार किए गए।
इजरायल की सेना का कहना है कि हिज्बुल्लाह अब किसी मध्यम साइज के देश की सेना जितना ताकतवर हो गया था। उसके पास डेढ़ लाख से ज्यादा रॉकेट और मिसाइल थे। इनमें ईरान द्वारा बनाए गए फज्र-5 और जेलजल-2 रॉकेट भी शामिल थे। इन हथियारों की वजह से हिज्बुल्लाह इजरायल के लिए बड़ा खतरा बन गया था।
हमले का असर
हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत (Hezbollah chief Hassan Nasrallah’s death) से मध्य पूर्व की राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा। नसरल्लाह की मौत के बाद हिज्बुल्लाह कमजोर हो सकता है। इस हमले में नसरल्लाह की बेटी जैनब भी मारी गई है। इतना ही नहीं इजरायली सेना ने हिज्बुल्लाह के कई बड़े कमांडरों को भी मार गिराया है।
इस हमले का असर ईरान पर भी पड़ा है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई किसी सुरक्षित जगह पर चले गए हैं। उनकी सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। ईरान के कुछ ही लोगों को पता है कि खामेनेई अभी कहां हैं। ईरानी मीडिया ने बताया है कि ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर अब्बास निलफोरोशान भी इस हमले में मारे गए हैं।
दुनिया में नसरल्लाह की छवि
नसरल्लाह को पिछले 42 साल में इजरायल और पश्चिमी देशों पर हुए कई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। इजरायली सेना का कहना है कि 9/11 से पहले हिज्बुल्लाह ही सबसे ज्यादा अमेरिकी लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार था। नसरल्लाह के भाषणों में यहूदियों के खिलाफ नफरत भरी होती थी। इसकी वजह से इजरायली सरकार उसकी आलोचना करती थी।
अमेरिका यूके कनाडा अर्जेंटीना कोलंबिया होंडुरास इजरायल नीदरलैंड पैराग्वे और कई अन्य देशों ने हिज्बुल्लाह को आतंकी संगठन घोषित किया था। अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर का कहना था कि हिज्बुल्लाह के पास किसी देश जैसी सैन्य ताकत थी। उसके पास हवाई रक्षा प्रणाली जहाज-रोधी टैंक-रोधी और मिसाइलें रॉकेट और बिना पायलट के विमान थे।
आगे क्या होगा
नसरल्लाह की मौत के बाद हिज्बुल्लाह का भविष्य अनिश्चित हो गया है। इस संगठन को नया लीडर चुनना होगा। लेकिन नसरल्लाह जैसा कोई दूसरा नेता मिलना मुश्किल होगा। इससे हिज्बुल्लाह कमजोर हो सकता है। इजरायल और अमेरिका जैसे देश इस मौके का फायदा उठा सकते हैं। वे हिज्बुल्लाह को और कमजोर करने की कोशिश कर सकते हैं।
लेकिन इससे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ सकता है। ईरान हिज्बुल्लाह का बड़ा समर्थक है। वो इस हमले का बदला लेने की कोशिश कर सकता है। इससे इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की आशंका बढ़ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो पूरे मध्य पूर्व में अशांति फैल सकती है।
नसरल्लाह की मौत से लेबनान की राजनीति भी प्रभावित होगी। हिज्बुल्लाह लेबनान में एक बड़ी राजनीतिक ताकत है। अब देखना यह होगा कि उसकी जगह कौन लेता है। इससे लेबनान में सत्ता संतुलन बदल सकता है।
इस तरह हम देख सकते हैं कि हसन नसरल्लाह की मौत से मध्य पूर्व की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। आने वाले दिनों में इसके और भी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
Hashtags: #HassanNasrallah #Hezbollah #MiddleEastConflict #IsraelStrike #LebanonCrisis
ये भी पढ़ें: World Rabies Day: सिर्फ कुत्ते ही नहीं, ये 5 जानवर भी फैला सकते हैं जानलेवा रेबीज!