मुंबई

पालघर में आदिवासी बच्चों की बदल जाएगी किस्मत! स्कूल में हुआ स्वास्थ्य परीक्षण, सामने आई चौंकाने वाली बातें

पालघर में आदिवासी बच्चों की बदल जाएगी किस्मत! स्कूल में हुआ स्वास्थ्य परीक्षण, सामने आई चौंकाने वाली बातें

पालघर के विक्रमगढ़ इलाके में रहने वाले आदिवासी परिवारों के बच्चों के लिए अक्सर अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना एक चुनौती होती है।  सरकार द्वारा चलाए जा रहे आश्रम स्कूल इन बच्चों की ज़िंदगी में उम्मीद की किरण हैं, और अब चाइल्ड हेल्प फाउंडेशन का ‘स्कूल हेल्थ प्रोग्राम’ उनके लिए और भी बड़ा सहारा बन गया है।

यह प्रोग्राम पिछले साल शुरू किया गया था, और तब से यहां के 10 आश्रम स्कूलों के 7,110 से अधिक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। दुख की बात यह है कि जांच में सामने आया कि कई बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, और उन्हें अन्य बीमारियां भी हैं। इस इलाके में गरीबी के कारण बच्चों को भरपूर और पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता।

लेकिन, अच्छी खबर यह है कि चाइल्ड हेल्प फ़ाउंडेशन की टीम इन बच्चों की पूरी मदद कर रही है। उन्हें न सिर्फ जरूरी दवाइयां दी जा रही हैं, बल्कि उनके माता-पिता को भी बच्चों के खान-पान और बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। एनजीओ द्वारा नियुक्त काउंसलर बच्चों के व्यवहार पर भी नज़र रखते हैं ताकि किसी भी तरह की मानसिक समस्या को शुरुआत में ही रोका जा सके।

जांच के बाद अब बच्चों की सेहत में सुधार दिखने लगा है। दादे के अरविंद आश्रम स्कूल के प्रधानाध्यापक राजपूत राणे भी इस पहल की तारीफ करते हैं। उनका कहना है कि इस कार्यक्रम के कारण बीमार पड़ने वाले बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है।

CHF ने एक स्वास्थ्य सूचना प्रणाली (HIS) बनाई है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर नज़र रखी जाती है और उनके माता-पिता को भी समय-समय पर जानकारी दी जाती है।

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