हिजबुल्लाह पिछले कई वर्षों से इजरायल के गलील (Galilee) क्षेत्र पर कब्जा करने की योजना बना रहा है, जिसे उसने ‘गलील पर विजय’ (Conquer the Galilee) नामक ऑपरेशन के रूप में भी शुरू किया हुआ है। यह इलाका ईसाईयों के लिए खास इसलिए है क्योंकि इसे ‘यीशु मसीह का घर’ माना जाता है। गलील पर कब्जा करने की कोशिश से हिजबुल्लाह इजरायल को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा था, मगर इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) की समय पर की गई कार्रवाई ने इस योजना को विफल कर दिया। आइए जानें कि गलील क्यों खास है और हिजबुल्लाह का ‘गलील पर विजय’ अभियान इजरायल के लिए कितना गंभीर खतरा था।
‘गलील पर विजय’ अभियान क्या था?
हिजबुल्लाह का ‘गलील पर विजय’ अभियान इजरायल के उत्तरी हिस्से, गलील (Galilee), पर कब्जा करने की एक व्यापक साजिश थी। हिजबुल्लाह की खास योजना इजरायल की सीमाओं के भीतर घुसपैठ कर नागरिकों पर हमले करने, उन्हें मारने या बंधक बनाने की थी। हिजबुल्लाह की इस योजना में उनकी सबसे प्रशिक्षित ‘रदवान फोर्सेस’ मुख्य भूमिका निभा रही थीं। ये फोर्सेस इजरायल की सुरक्षा को तोड़कर गलील के इलाकों में हंगामा मचाने के लिए तैयार थीं।
IDF द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन के प्रमुख कमांडर इब्राहीम अकिल की मौत इजरायल के एक खुफिया हमले में हुई। इस हमले ने हिजबुल्लाह की इस व्यापक योजना को बड़ा झटका दिया। मगर यह संभावना बनी हुई है कि हिजबुल्लाह इस योजना को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर सकता है।
गलील का ऐतिहासिक महत्व:
गलील (Galilee) न केवल यहूदियों बल्कि ईसाइयों के लिए भी धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। गलील का जिक्र बाइबल में भी आता है, और यह वह इलाका है जहाँ यीशु मसीह ने अपनी शिक्षा दी थी और उनके कई चमत्कार हुए थे। इसके अलावा, गलील पहाड़ों और उपजाऊ घाटियों से घिरा एक सुंदर क्षेत्र है, जो प्राचीन सभ्यताओं का संगम रहा है।
- प्राचीन सभ्यताएं: गलील क्षेत्र में कनानी, हित्ती, और अन्य प्राचीन सभ्यताओं का निवास था। बाद में यह यहूदी जनजातियों के अधीन आया और यहूदी साम्राज्य का हिस्सा बना।
- यीशु मसीह का जीवन: गलील का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह वह इलाका है जहाँ यीशु मसीह ने अपना जीवन बिताया और अपनी शिक्षाएं दीं। आज भी यह स्थान ईसाइयों के लिए तीर्थस्थल है।
- रोमन और इस्लामी काल: गलील पर कई साम्राज्यों ने शासन किया, जिसमें रोमन और इस्लामी साम्राज्य शामिल थे। इसका इतिहास सदियों पुराना है और इसका सांस्कृतिक महत्व आज भी बना हुआ है।
हिजबुल्लाह का खतरनाक मकसद:
हिजबुल्लाह का असली मकसद न केवल गलील (Galilee) पर कब्जा करना था बल्कि इजरायल के नागरिकों को डराना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इजरायल की छवि को नुकसान पहुँचाना था। यह आतंकवादी संगठन पिछले कई वर्षों से इजरायल के खिलाफ एक लंबी रणनीति पर काम कर रहा है, और ‘गलील पर विजय’ इस अभियान का एक बड़ा हिस्सा था।
हिजबुल्लाह ने इस योजना को सफल बनाने के लिए अपनी सबसे प्रशिक्षित ‘रदवान फोर्सेस’ को तैयार किया था, जो इजरायल के गांवों और शहरों में घुसपैठ कर हमले करने की योजना बना रही थीं। इस योजना का उद्देश्य इजरायल के नागरिकों को बंधक बनाकर सामरिक फायदा उठाना था।
इजरायल की प्रतिक्रिया:
इजरायल हमेशा से अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए सतर्क रहता है। IDF की समय पर की गई कार्रवाई और इब्राहीम अकिल की मौत ने हिजबुल्लाह के ‘गलील पर विजय’ अभियान को एक बड़ा झटका दिया। यह हमला इजरायल के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह एक खुफिया जानकारी पर आधारित स्ट्राइक थी, जिसमें हिजबुल्लाह की कई बड़ी हस्तियों को मारा गया।
गलील (Galilee) पर कब्जा करने की हिजबुल्लाह की योजना न केवल इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा थी, बल्कि इस ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर कब्जा कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा संदेश भेजने की भी कोशिश थी। हालाँकि, इजरायल की सशक्त और चौकस रणनीति ने इस साजिश को विफल कर दिया। गलील की सुरक्षा के प्रति इजरायल की प्राथमिकता और इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भविष्य में भी इजरायल अपने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
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