मुंबई से सटे भिवंडी की गलियों में एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो दिल को दहला देती है और आंखों को नम कर जाती है। दो साल पहले प्यार की कसमें खाकर शुरू हुआ एक रिश्ता आज खून की नदियों में बह गया। एक पति, जिसने अपनी पत्नी के साथ जिंदगी के सपने सजाए थे, उसी ने उसकी सांसों को छीन लिया। उसने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या की, शरीर को दो टुकड़ों में बांटा और सबूत मिटाने के लिए खाड़ी की दलदल में फेंक दिया। ये कहानी सिर्फ एक हत्याकांड की नहीं, बल्कि विश्वास के टूटने, शक की आग में जलते रिश्तों और एक मासूम बच्चे के उजड़ते भविष्य की है।
दलदल में मिला सिर, छाया सन्नाटा
30 अगस्त की सुबह भिवंडी के ईदगाह झोपड़पट्टी के पास खाड़ी के दलदली इलाके में कुछ ऐसा मिला, जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। एक महिला का सिर, बिना धड़ के, अकेला पड़ा था। शरीर का कोई निशान नहीं। ये दृश्य देखकर इलाके में सनसनी फैल गई। लोग सहम गए। सवाल गूंजने लगे: ये महिला कौन थी? उसका शरीर कहां गया? और किसने उसकी जिंदगी को इतने क्रूर तरीके से खत्म किया? भोईवाड़ा पुलिस ने इस रहस्य को सुलझाने की ठानी और सिर्फ 48 घंटों में इस दिल दहलाने वाले हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
मृतका थी परवीन, हत्यारा उसका पति
मृतका का नाम था परवीन उर्फ मुस्कान, उम्र 26 साल। वो हंसमुख थी, जिंदादिल थी, और अपने सपनों को सोशल मीडिया पर रील्स के जरिए बयां करती थी। लेकिन उसका कातिल कोई और नहीं, बल्कि उसका अपना पति तहा इम्तियाज अंसारी निकला। दो साल पहले दोनों ने समाज की बंदिशों को तोड़कर प्रेम विवाह किया था। उनके एक साल के बेटे, मोहम्मद अजलान अंसारी, ने उनके घर को प्यार से भर दिया था। लेकिन ये प्यार जल्द ही शक की स्याह छाया में दब गया।
रील्स बनीं तकरार की वजह
मुस्कान को सोशल मीडिया पर रील्स बनाना और लोगों से मिलना-जुलना पसंद था। लेकिन इम्तियाज को ये बिल्कुल पसंद नहीं था। उसका शक हर दिन गहराता गया, और छोटी-छोटी बातें दोनों के बीच बड़े झगड़ों में बदलने लगीं। पुलिस के मुताबिक, मुस्कान गुस्से में कभी-कभी अपने बच्चों को भी पीट देती थी, जिससे दोनों के बीच तनाव और बढ़ गया। 28 अगस्त को एक बार फिर उनका झगड़ा चरम पर पहुंच गया। अगले दिन, 29 अगस्त को, इम्तियाज का गुस्सा इस कदर भड़का कि उसने मुस्कान की गला रेतकर हत्या कर दी। उसने सिर को धड़ से अलग किया, शरीर को दो टुकड़ों में काटा और खाड़ी की दलदल में फेंक दिया, ताकि कोई सबूत न बचे।
48 घंटों में खुलासा
30 अगस्त को खाड़ी में मुस्कान का सिर मिलने के बाद भोईवाड़ा पुलिस हरकत में आई। फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की मदद से जांच शुरू हुई। 24 घंटों में मुस्कान की पहचान हो गई, और 48 घंटों में इम्तियाज अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे भिवंडी कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 11 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। लेकिन मुस्कान का शरीर खबर लिखे जाने तक नहीं मिला है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
मासूम अजलान का टूटा आसमान
इस त्रासदी का सबसे दर्दनाक पहलू है एक साल का मोहम्मद अजलान। उसकी छोटी-सी दुनिया मां की ममता और पिता के प्यार से बनी थी, लेकिन अब वो अनाथ हो गया। मां की गोद छिन गई, और पिता सलाखों के पीछे है। आज वो रिश्तेदारों की शरण में है, लेकिन उसकी मासूम आंखें शायद कभी न समझ पाएं कि प्यार का रिश्ता इतने क्रूर अंत तक कैसे पहुंच गया।
शक ने रिश्तों को बनाया कातिल
ये हत्याकांड सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि उन जहरीले शकों की कहानी है, जो रिश्तों को खोखला कर देते हैं। क्या मुस्कान का रील्स बनाना इतना बड़ा गुनाह था कि उसकी सजा मौत हो? क्या प्यार में विश्वास और संवाद की कमी इतनी भारी पड़ सकती है? ये घटना हर उस इंसान के लिए एक सबक है, जो अपने रिश्तों को शक की आग में जलने देता है।
अनुत्तरित सवाल और समाज का दर्द
भोईवाड़ा पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने हत्यारे को सलाखों के पीछे तो पहुंचा दिया, लेकिन कई सवाल अब भी हवा में तैर रहे हैं। मुस्कान का शरीर कहां है? क्या इम्तियाज ने ये वारदात अकेले अंजाम दी? और सबसे बड़ा सवाल, क्या हमारा समाज रिश्तों में बढ़ती हिंसा और अविश्वास को रोकने के लिए कुछ करेगा? ये घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि प्यार को शक की आग में जलने से बचाना होगा।
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