मुंबई पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है – उन्होंने एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में गरीब परिवारों के बच्चों को खरीद कर अमीरों को बेचता था। इस मामले में सात लोग गिरफ्तार हुए हैं और तीन से पूछताछ जारी है। चौंकाने वाली बात ये है कि गिरफ्तार लोगों में एक डॉक्टर भी शामिल है।
पुलिस के मुताबिक, ये लोग पिछले दो साल से ये घिनौना काम कर रहे थे। पांच दिन से लेकर नौ महीने तक के बच्चों की खरीद-फरोख्त की जाती थी। अभी तक दो बच्चों को छुड़ा लिया गया है, जिसमें एक लड़की और एक लड़का है। पुलिस बाकी 12 बच्चों की तलाश कर रही है।
बच्चों की कीमत डीसीपी (एनफोर्समेंट) राघसुधा R ने बताया है कि ये गिरोह 80 हज़ार से 4 लाख रुपये तक में बच्चे बेचता था। कीमत बच्चे के लिंग, रंग आदि जैसी बातों पर भी निर्भर करती थी।
कैसे चलता था रैकेट?
आमतौर पर बच्चे खरीदने की मांग तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से आती थी और बच्चे महाराष्ट्र से भेजे जाते थे। गिरोह में शामिल कुछ लोग फर्टिलिटी क्लीनिकों में काम करते थे, इसीलिए उन्हें बच्चा चाहने वाले जोड़ों के बारे में पता चलता था।
गिरफ्तारी की कहानी क्राइम ब्रांच की यूनिट 2 को जानकारी मिली कि दिसंबर 2022 में एक महिला ने अपना पांच महीने का बच्चा बेच दिया था। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि बच्चों को बेचने में एक डॉक्टर संजय सोपानराव खांडारे का भी हाथ है। पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार किया और फिर बाकी गिरफ्तारियां हुईं।
इस केस में गिरफ्तार लोगों के खिलाफ IPC की धाराओं के साथ Juvenile Justice Act भी लगाया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
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