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महिलाओं के लिए कितनी सुरक्षित है मुंबई? सोशल वर्कर संगीता पाटील ने बताई परेशान करने वाली सच्चाई

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देश की आर्थिक नगरी मुंबई को लेकर कहा जाता है कि ये शहर महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित है। देर रात को भी महिलाएं बिना किसी डर से जहां मन वहां जा सकती हैं, लेकिन इस बात की सच्चाई की पुष्टि वो लोग कर सकते हैं, जो खबरों को आम जनता तक पहुंचाते हैं, या फिर वो लोग, जो पीड़ित होते हैं। वैसे तो मुंबई पुलिस इस सच्चाई को सबसे अच्छे तरीके से जानती है, कि यहां का क्राइम ग्राफ कितनी तेजी से बढ़ रहा है! उन्हें न जाने ऐसे कितने मामलों की जानकारी है, जहां पीड़ित लड़की और उनके परिवार वाले न्याह की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं, जो उन्हें नहीं मिल पा रहा।

यहां तक कि पुलिस महकमे में कार्यरत वर्दीधारी अगर चाहे तो चुटकियों में अनेकों पीड़ितों को न्याय दिला सकते हैं, लेकिन उनपर पीड़ितों और पीड़ितों के परिवारों का आरोप है कि वो ऐसा करते नहीं। ऐसे में ऑन टीवी न्यूज मुंबई पुलिस से ये सवाल करती है, कि आखिर ऐसा क्यों है? या फिर क्या, सच में ऐसा है?

अब आप सोचेंगे कि मैं ऐसा किस बेस पर कह सकती हूं, तो मेरे पास कई पीड़ितों ने अपनी व्यथा सुनाई है। समाज सेविका महिलाएं आए दिन ऐसे मामलों को सुलझाने में लगी रहती हैं, लेकिन उन्हें भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके अनुसार पुलिस उन्हें पूरी तरह से सपोर्ट नहीं करती। आरोप तो ये भी है कि जब पीड़ित महिलाओं के परिजन पुलिस से मदद की आस में थाने पहुंचते हैं, तो उनसे पैसे मांगे जाते हैं।

अगर आपको मेरी बातों पर यकीन ना हो, तो नीचे दिए इस इंटरव्यू को ध्यान से देखें, सुने और समझने की कोशिश करें। सोशल वर्कर संगीता पाटील ने ओमान में भारतीय महिलाओं की डरावनी स्थिती के साथ-साथ मुंबई में महिलाओं के साथ होने वाले क्राइम का भी जिक्र किया है, जिसके बारे में जानकर आपके पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी👇

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