IAS Pooja Khedkar पिछले कुछ दिनों से विवादों में है और वो धीरे-धीरे कर और ज्यादा मुश्किलों में घिरती जा रही हैं। अब UPSC की ओर से उनपर FIR दर्ज करवाई गई है। इतना ही नहीं सिविल सेवा परी उनकी पात्रता रद्द करने को लेकर एक नोटिस भी जारी किया गया है।
गौरतलब है कि UPSC ने पूजा खेडेकर को नोटिस के जरिये से जवाब मांगा है कि आपकी उम्मीदवारी को क्यों रद्द न किया जाए और क्यों भविष्य में होनेवाली UPSC की परीक्षाओं से आपको वंचित रखा जाए। दरअसल UPSC की ओर से ये कहा गया कि, “पूजा खेडेकर के खिलाफ विस्तृत जांच करवाई गई है, जिसमें ये जानकारी निकलकर सामने आई है कि पूजा खेडेकर ने साल 2022 में होनेवाले UPSC परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया था। परीक्षा में बैठने की उनकी लिमिट पूरी हो चुकी था। इसके बाद गलत तरीके से अपनी पहचान बदलकर उन्होंने यूपीसी सिविल सेवा की परीक्षा दी थी। पूजा ने अपने पिता, माता का नाम, साइन और फोटो तक बदल दिए थे। इतना ही नहीं, मोबाइल नंबर, पता और अपना ईमेल आइडी भी पूजा खेडेकर ने बदल दिए थे। इस तरह उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा देने का मौका मिला।”

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अब LBSNAA द्वारा पूजा खेडेकर को आदेश जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि, “आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की जरूरी कार्रवाई के लिए तुरंत आपको वापस बुलाने का डिसीजन लिया गया है। अत: आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है। इसके साथ एकेडमी का पत्र संलग्न है। यथाशीघ्र आपको, किसी भी परिस्थिती में 23 जुलाई 2024 के बाद एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है।”
क्या है पूजा खेडेकर पर आरोप?
दरअसल पूजा खेडेकर पर आरोप है कि उन्होंने मानसिक रूप से बीमार और दृष्टिबाधिता का फर्जी सर्टिफिकेट जमा कराकर UPSC की परीक्षा दी थी, और फिर उसी के आधार पर विशेष रिजर्वेशन पाकर आईएस की नौकरी हासिल की। अगर उन्हें ये रिजर्वेशन नहीं मिलता तो, परीक्षा में जो नंबर उन्हें मिले थे, उसके आधार पर उन्हें नौकरी नहीं मिलती। पूजा पर आरोप है कि सिलेक्शन के बाद उन्हें मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन वो जांच के लिए आई नहीं। अलग-अलग कारण बताकर उन्होंने 6 बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दिया। फिर बाद में पूजा ने बाहर से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे यूपीएससी की ओर से एक्सेप्ट नहीं किया गया। हालांकि बाद में यूपीएससी ने उसे एक्सेप्ट कर भी लिया था। अब ऐसे में सरकार की ओरप से इस पूरे मामले की जांच की मांग की जा रही है।

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उम्र पर भी उठ रहे सवाल
ना सिर्फ फर्जी सर्टिफिकेट, बल्कि पूजा खेडेकर की उम्र को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कगजात से ये जानकारी निकल सामने आती है कि साल 2020 और साल 2023 में पूजा खेडेकर ने केंद्रीय ट्रिब्यूनल को जो अपनी डिटेल दिया था, उसमें 3 साल के गैप के बावजूद उम्र का 1 साल की बढ़ना दिखाया गया था। वैसे बता दें कि अपनी बैंचमार्क डिसेबिलिटी को प्रूफ करने के लिए पूजा खेडेकर ने कोई टेस्ट नहीं करवाया था। उनके सिलेक्शन को UPSC ने केंद्रीय अपीलीय न्यायाधीकरण (कैट) में चुनौती दी थी, जिसने उनके खिलाफ फरवरी 2023 में फैसला सुनाया था। गौरतलब है कि 2020 और 2023 के कैट आवेदन फॉर्म में पूजा खेडेकर ने अपने लिए बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट की मांग की है।
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