कोवैक्सिन को लेकर बवाल मचा हुआ है! एक रिसर्च में इसके साइड इफेक्ट बताए गए थे, लेकिन अब ICMR ने इस रिसर्च को ही झूठा बता दिया है।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के एक रिसर्च में दावा किया गया था कि कोवैक्सिन के कई साइड इफेक्ट हैं। इसमें बुखार, खून का थक्का जमना और सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां बताई गई थीं।
ICMR ने लगाई फटकार:
ICMR ने BHU को फटकार लगाते हुए कहा कि यह रिसर्च गलत जानकारी पर आधारित है। ICMR ने इस रिसर्च में कोई मदद नहीं की थी और ना ही इस रिसर्च से उनका कोई लेना-देना है।
क्या कहा भारत बायोटेक ने?
कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने भी इस रिसर्च को गलत बताया है। कंपनी का कहना है कि उनकी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके किसी भी गंभीर साइड इफेक्ट का कोई मामला सामने नहीं आया है।
अब क्या होगा?
ICMR ने BHU से माफी मांगने और रिसर्च पेपर से ICMR का नाम हटाने को कहा है। वहीं, इस पूरे मामले ने लोगों के मन में कोवैक्सिन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह पूरा मामला बताता है कि वैज्ञानिक रिसर्च में कितनी सावधानी बरतने की जरूरत है। गलत जानकारी से लोगों में डर और भ्रम फैल सकता है, खासकर जब बात कोरोना वैक्सीन जैसे संवेदनशील मुद्दे की हो।
यह पहली बार नहीं है जब कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई विवाद हुआ हो। इससे पहले कोवीशील्ड को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आई थीं।