कुवैत में आग लगने की घटना में मारे गए भारतीयों की पहचान करना मुश्किल हो गया है। क्योंकि शवों की स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें देखकर पहचानना नामुमकिन है। इस वजह से, भारतीय अधिकारियों ने डीएनए टेस्टिंग का सहारा लेने का फैसला किया है।
जानकारी हो कि बुधवार को सुबह करीब 4 बजे हुए इस बड़े हादसे में बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की भी खबर है। ये आग इतना ज्यादा भीषण था कि घरों में लोग सोते रह गए और जिदां ही जल गए। इस हादसे की वजह से भारत के आंध्र प्रदेश और केरल सहित कई राज्यों में कोहराम मचा हुआ है, क्योंकि हादसे में शिकार हुए लोग इन्हीं राज्यों के रहने वाले थे। फिलहाल भारत सरकार की ओर से हालात का जायजा लेने के लिए विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को भेजा गया है। उनका कहना है कि अग्निकांड में मारे गए लोगों के शवों को लाने के लिए एयरफोर्स के प्लेन तैयार हैं। जैसे ही शवों की पहचान कर ली जाएगी उन्हें भारत ले आया जाएगा।
बता दें कि इस आग्निकांड हादसे में कुल 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें भारतियों की संख्या 42 है। जिस इमारत में आग लगी है उसमें करीब 200 लोग रह रहे थे। इस इमारत के एक किचन में आग लगने की वजह से ये हादसा हुआ। घटना में कुछ लोगों की मौत डायरेक्ट आग में जलने की वजह से हुई तो कुछ लोगों की मौत धुएं के कारण दम घुटने की वजह से हुई।
इस घटना के बाद बुधवार शाम को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को लाख रुपये की मदद राशि देने का ऐलान किया। साथ ही घायल हुए 50 लोगों के इलाज के लिए भी पीएम मोदी ने मदद करने की बात कही है। फिलहाल जलकर जिनकी मृत्यु हुई है उन्हें पहचानने में वे लोग मदद कर रहे हैं, जो उस इमारत में रहते हैं, और उस दुर्घटना में किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहे।
डीएनए टेस्टिंग क्या है?
डीएनए टेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति के डीएनए की पहचान की जाती है। ये टेस्ट मृतकों की पहचान करने, रिश्तों का पता लगाने और अपराधों को सुलझाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कुवैत में डीएनए टेस्टिंग कैसे की जाएगी?
भारतीय अधिकारी मृतकों के डीएनए सैंपल लेंगे और उन्हें अपने देश में स्थित प्रयोगशालाओं में भेजेंगे। इन सैंपलों की तुलना भारत में उपलब्ध डीएनए रिकॉर्ड से की जाएगी। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन ये मृतकों की सही पहचान सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
आप पीड़ितों के परिवारों की मदद कैसे कर सकते हैं?
आप भारतीय दूतावास या सामाजिक संगठनों से संपर्क करके पीड़ितों के परिवारों की मदद कर सकते हैं। आप चाहें तो उन्हें आर्थिक सहायता भी दे सकते हैं या स्वेच्छा से अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
ये भी पढ़ें: Pune Porsche: पुणे में 2 को रौंदने वाले अमीरजादे को बचाने की कैसे हुई कोशिश, CCTV फुटेज में खुलासा