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IFT Expo 2025: भारत का पहला मछली पालन प्रौद्योगिकी एक्सपो मुंबई में, नीली अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

IFT Expo 2025: भारत का पहला मछली पालन प्रौद्योगिकी एक्सपो मुंबई में, नीली अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

IFT Expo 2025: मुंबई में एक ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत हुई, जिसने भारत के मछली पालन उद्योग को नई दिशा देने का वादा किया। भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय मछली पालन प्रौद्योगिकी एक्सपो (International Fishery Tech Expo), जिसे IFT एक्सपो 2025 (IFT Expo 2025) के नाम से जाना जा रहा है, गुरुवार को मुंबई के बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र में शुरू हुआ। पहले ही दिन इस आयोजन ने 6,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों को आकर्षित किया, जो देश-विदेश के 55 से ज्यादा प्रदर्शकों के स्टॉल्स पर नवीनतम तकनीकों को देखने पहुंचे। यह आयोजन मछली पालन और समुद्री खाद्य उद्योग में क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

महाराष्ट्र के बंदरगाह विकास मंत्री नितेश नारायण राणे ने इस तीन दिवसीय आयोजन का उद्घाटन किया। इस मौके पर महाराष्ट्र के मत्स्य आयुक्त किशोर तावड़े के साथ-साथ गुजरात, कर्नाटक और गोवा के मत्स्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। नितेश राणे ने इस आयोजन को एक विश्वस्तरीय मंच बताया, जो तकनीक, नीति और संभावनाओं को एक साथ लाता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में मछली पालन के क्षेत्र में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में IFT एक्सपो 2025 जैसे आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब केंद्र सरकार ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में मछली पालन क्षेत्र के लिए 2,703 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक राशि आवंटित की है। यह राशि नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) को तकनीक के सहारे मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत का मछली पालन उद्योग पहले ही 130 से अधिक देशों में निर्यात कर रहा है, और इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और नवाचार में भारी निवेश हो रहा है। मत्स्य सर्वेक्षण के महानिदेशक डॉ. श्रीनाथ के. आर. ने कहा कि भारत का मछली पालन क्षेत्र वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहा है। उन्होंने इस एक्सपो को प्रधानमंत्री की टिकाऊ और तकनीक आधारित विकास की दृष्टि के अनुरूप बताया।

IFT एक्सपो 2025 में कई आकर्षक प्रदर्शनियां और उच्च-स्तरीय सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें स्मार्ट एक्वाकल्चर सिस्टम, AI आधारित जल गुणवत्ता निगरानी, नवीन एक्वाफीड, कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेशन, और टिकाऊ पैकेजिंग जैसे विषयों पर गहन चर्चा हो रही है। प्रदर्शकों ने मछली पालन से लेकर समुद्री खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज, स्वच्छता, स्वचालन और लॉजिस्टिक्स तक की नवीनतम तकनीकों को प्रदर्शित किया। भारतीय और वैश्विक प्रदर्शक इस मंच पर मछली से लेकर मेज तक की पूरी मूल्य श्रृंखला को बेहतर बनाने वाली तकनीकों को पेश कर रहे हैं।

इस आयोजन को भारत सरकार, महाराष्ट्र और गुजरात के मत्स्य विभागों, और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा, सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI), फाउंडेशन फॉर एक्वाकल्चर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (FAITT), और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अमोनिया रेफ्रिजरेशन (IIAR) जैसे उद्योग संगठनों ने भी इस एक्सपो को अपना समर्थन दिया है। यह मंच न केवल नई साझेदारियों को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि निवेश को प्रोत्साहित करने और ज्ञान साझा करने का एक शानदार अवसर भी प्रदान कर रहा है।

मंत्री नितेश राणे ने इस अवसर पर तटीय सुरक्षा और मत्स्य विकास योजनाओं को तेज करने के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र इस तरह की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर मछली पालन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। पहले दिन के उत्साह को देखते हुए, यह आयोजन न केवल उद्योग विशेषज्ञों, बल्कि मछली पालकों, नीति निर्माताओं और स्टार्टअप्स के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच साबित हो रहा है। यह भारत के मछली पालन उद्योग को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

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