मुंबई

अवैध हॉकरों का तांडव! बॉम्बे हाईकोर्ट ने खोली अधिकारियों की पोल, जानिए क्यों बढ़ रही है बेरोक-टोक अवैध दुकानदारी?

अवैध हॉकरों, बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य, बीएमसी और पुलिस को अवैध हॉकरों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि इन अधिकारियों की निष्क्रियता से अवैध हॉकरों की संख्या बढ़ती जा रही है और यह समस्या अब खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। कोर्ट ने अधिकारियों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है जिसमें हॉकरों की समस्या के खिलाफ उनकी कार्रवाई का विवरण हो।

कोर्ट की चिंता: कोर्ट ने कहा कि अवैध हॉकरों की समस्या बहुत बड़ी हो गई है और राज्य और बीएमसी ने इस पर कार्रवाई करने में देरी की है। कोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा कि अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और इससे नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।

याचिका: यह मामला 2022 में बोरीवली में मोबाइल शॉप मालिकों द्वारा दायर याचिका से शुरू हुआ था। उन्होंने शिकायत की थी कि उनकी दुकानों तक पहुंच अवैध हॉकरों द्वारा अवरुद्ध हो गई है। तब से कोर्ट इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है और विभिन्न आदेश जारी किए हैं।

लाइसेंसिंग और निगरानी: मार्च में, कोर्ट ने बीएमसी को सभी स्ट्रीट वेंडिंग लाइसेंसों की निगरानी के लिए निर्देशित किया था, लेकिन तीन महीने बाद भी यह आदेश लागू नहीं हुआ है। कोर्ट ने अफसोस जताया कि सुप्रीम कोर्ट के नियम और कानून होने के बावजूद अधिकारी क्रियान्वयन को लेकर गंभीर नहीं हैं।

अधिकारियों की कठिनाइयाँ: बीएमसी के वकील ने कहा कि जब उनके कर्मचारी कार्रवाई करने जाते हैं, तो उन्हें पीटा जाता है। कोर्ट ने कहा कि यह स्थिति अधिकारियों की कमजोरी को दर्शाती है और अवैध हॉकरों को बढ़ावा देती है।

कोर्ट की मांग: कोर्ट ने राज्य, बीएमसी और पुलिस से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है जिसमें हॉकरों के खिलाफ उनके द्वारा की गई कार्रवाई और इसे रोकने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण हो।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध हॉकरों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को त्वरित और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि इस समस्या से निपटने में देरी नहीं की जा सकती और इसे जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए।

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