India from Space: अंतरिक्ष की दुनिया हमेशा से रहस्यों और रोमांच से भरी रही है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि हमारा देश भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है? हाल ही में भारतीय मूल की NASA अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने इस सवाल का जवाब दिया। 286 दिन अंतरिक्ष में बिताकर धरती पर लौटीं सुनीता ने बताया कि अंतरिक्ष से भारत को देखना एक अनोखा अनुभव था। उन्होंने खास तौर पर हिमालय की ऊंची चोटियों और मुंबई-गुजरात के तटीय इलाकों की खूबसूरती की तारीफ की। उनकी बातें सुनकर नई पीढ़ी के लिए यह जानना रोमांचक हो जाता है कि हमारा देश ऊपर से कितना खास दिखता है।
सुनीता विलियम्स ने 01 अप्रैल 2025 को फ्लोरिडा में मीडिया से बात की। यह उनकी धरती पर वापसी के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से भारत को देखते हुए उन्होंने अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ मिलकर कई तस्वीरें भी लीं। सुनीता ने कहा कि हिमालय की विशाल चोटियां रात और दिन दोनों समय अद्भुत दिखती हैं। उन्होंने इसे “इनक्रेडिबल” यानी अविश्वसनीय बताया। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई और गुजरात के तटों पर मछुआरों की नावों को देखा, जो रात में रोशनी की तरह चमकती हैं। यह नजारा उन्हें भारत की ओर आने का संकेत देता था।
सुनीता के शब्दों में, जब अंतरिक्ष स्टेशन भारत के ऊपर से गुजरता था, तो नीचे का नजारा रंगों और रोशनी का एक जाल सा दिखता था। बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक, हर जगह रोशनी की एक शानदार कड़ी नजर आती थी। उन्होंने बताया कि हिमालय की चोटियां धरती पर एक दीवार की तरह खड़ी दिखती हैं, जो भारत को और खूबसूरत बनाती हैं। यह सुनकर लगता है कि हमारा देश न सिर्फ जमीन से, बल्कि अंतरिक्ष से भी उतना ही आकर्षक है। उनकी यह बातें नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन सकती हैं, जो अंतरिक्ष और विज्ञान की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं।
सुनीता का भारत से गहरा नाता है। उनके पिता दीपक पांड्या गुजरात से थे, जो 1958 में अमेरिका गए थे। सुनीता का जन्म ओहियो में हुआ, लेकिन वे अपनी भारतीय जड़ों से हमेशा जुड़ी रहीं। उन्होंने कहा कि गुजरात और मुंबई के तट पर मछुआरों की नावें देखना उनके लिए खास था। ये नावें रात में चमकती थीं, जैसे कोई स्वागत का संदेश दे रही हों। इसके बाद जैसे ही नजर हिमालय पर पड़ती, वे उसकी भव्यता में खो जाती थीं। उनकी बातों से साफ है कि भारत की प्राकृतिक सुंदरता अंतरिक्ष से भी कमाल की दिखती है।
इसके अलावा, सुनीता ने भारत आने की इच्छा भी जताई। वे अपने पिता के देश को करीब से देखना चाहती हैं और भारतीय लोगों से मिलना चाहती हैं। उन्होंने NASA की आने वाली Axiom मिशन का जिक्र किया, जिसमें भारतीय वायु सेना के टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाएंगे। सुनीता ने इसे “प्रिटी ऑसम” यानी बहुत शानदार बताया। यह खबर नई पीढ़ी के लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह भारत के अंतरिक्ष सपनों को और मजबूत करती है।
सुनीता और उनके साथी बुच विल्मोर 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर से ISS के लिए रवाना हुए थे। उनकी योजना सिर्फ 8 दिन वहां रुकने की थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण वे 286 दिन अंतरिक्ष में रहे। 19 मार्च 2025 को वे SpaceX के ड्रैगन क्राफ्ट से धरती पर लौटे। उनके साथ दो अन्य अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूस के अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी थे। इस लंबी यात्रा के बाद भी सुनीता की भारत के प्रति उत्सुकता कम नहीं हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता और उनकी टीम के धरती पर लौटने पर स्वागत किया था। सुनीता ने बताया कि अंतरिक्ष से भारत को देखते वक्त उन्हें ऐसा लगता था जैसे धरती की प्लेटें आपस में टकराने से बनी लहरें नीचे बह रही हों। यह नजारा रंगों से भरा था, जो भारत की विविधता को दिखाता था। उनकी यह बातें सुनकर लगता है कि हमारा देश कितना अनोखा और खूबसूरत है।
सुनीता की कहानी और उनके अनुभव नई पीढ़ी को अंतरिक्ष के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। वे “अंतरिक्ष से भारत” (India from Space) को जिस तरह से देखती हैं, वह हमें अपनी धरती की कीमत समझाता है। साथ ही, “हिमालय की खूबसूरती” (Beauty of Himalayas) जैसा नजारा उनके शब्दों में जीवंत हो उठता है। यह सब सुनकर मन में एक सवाल उठता है कि अगर हम भी ऊपर से भारत को देखें, तो हमें कैसा लगेगा? सुनीता ने तो इसे शब्दों में बयां कर दिया, अब बारी हमारी है कि हम इस खूबसूरती को समझें और गर्व करें।
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