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खामेनेई का बड़ा बयान: क्या सच में भारत में मुसलमानों की हालत इतनी खराब है?

खामेनेई का बड़ा बयान: क्या सच में भारत में मुसलमानों की हालत इतनी खराब है?

भारत-ईरान संबंध: दुनिया के नक्शे पर भारत और ईरान दो ऐसे पड़ोसी हैं, जिनके रिश्ते कभी मीठे तो कभी कड़वे रहे हैं। हाल ही में ईरान के सबसे बड़े नेता खामेनेई ने भारत के बारे में कुछ ऐसा कहा, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। आइए समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।

खामेनेई ने क्या कहा?

ईरान के सबसे ताकतवर नेता खामेनेई ने हाल ही में एक सभा में कहा कि भारत में मुसलमानों (Muslims) की हालत अच्छी नहीं है। उन्होंने भारत का नाम गाजा और म्यांमार जैसे देशों के साथ लिया, जहां उनके हिसाब से मुसलमान मुश्किल में हैं। यह बात भारत को अच्छी नहीं लगी और उसने इसका विरोध किया।

भारत ने कैसे जवाब दिया?

भारत ने कहा कि खामेनेई की बात गलत है और हम इसे मानने को तैयार नहीं हैं। भारत ने यह भी कहा कि दूसरों की आलोचना करने से पहले ईरान को अपने घर की हालत देखनी चाहिए। यानी भारत ने ईरान को याद दिलाया कि उसके यहां भी सब कुछ ठीक नहीं है।

ईरान ऐसा क्यों कह रहा है?

इस सवाल का जवाब समझने के लिए हमें कुछ पीछे जाना होगा। पहले भारत और ईरान के रिश्ते काफी अच्छे थे। भारत ईरान से बहुत सारा तेल खरीदता था। लेकिन फिर अमेरिका ने ईरान पर कुछ पाबंदियां लगा दीं। इसके बाद भारत ने ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया। इससे ईरान नाराज हो गया।

इसके अलावा, ईरान को लगता है कि भारत अब उसके दुश्मन इजरायल के करीब जा रहा है। पश्चिम एशिया में चल रहे झगड़ों में भारत इजरायल का साथ दे रहा है, यह बात ईरान को अच्छी नहीं लग रही।

व्यापार की क्या कहानी है?

भारत और ईरान के बीच व्यापार की बात करें तो पिछले साल दोनों देशों ने करीब 2.33 अरब डॉलर का कारोबार किया। यह पहले के मुकाबले 21.76% ज्यादा था। लेकिन इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच व्यापार में 23.32% की कमी आई है। यानी दोनों देशों के बीच कारोबार कम हो रहा है।

चीन का जिक्र क्यों नहीं?

एक दिलचस्प बात यह है कि खामेनेई ने अपने बयान में चीन का नाम नहीं लिया। चीन में उइगर मुसलमानों (Muslims) की हालत को लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जाती है। लेकिन ईरान ने इस बारे में कुछ नहीं कहा। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि चीन, ईरान का अच्छा दोस्त है और उसके साथ ज्यादा व्यापार करता है।

आगे क्या हो सकता है?

भारत और ईरान दोनों पुराने दोस्त हैं। दोनों के बीच ऐसे मतभेद पहले भी आए हैं और सुलझ गए हैं। उम्मीद है कि इस बार भी दोनों देश बातचीत के जरिए अपने मतभेद दूर कर लेंगे। दोनों देशों के लिए एक-दूसरे का साथ जरूरी है। इसलिए यह मानना गलत नहीं होगा कि जल्द ही दोनों देश अपने पुराने दोस्ताना रिश्तों की ओर लौट आएंगे।

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