विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत को ‘जेनोफोबिक’ बताने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा विविध समाजों के लोगों का स्वागत किया है और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के माध्यम से मुसीबत में फंसे लोगों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं।
जयशंकर का जवाब
जयशंकर ने कहा, “भारत हमेशा से एक बहुत ही अनोखा देश रहा है… मैं वास्तव में कहूंगा, दुनिया के इतिहास में, यह एक ऐसा समाज रहा है, जो बहुत खुला रहा है… विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं।” उन्होंने अपनी बात रखने के लिए CAA का उदाहरण दिया और इसे भारत के स्वागत योग्य दृष्टिकोण का प्रतीक बताया।
अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी
राष्ट्रपति बाइडेन ने अपनी टिप्पणी में यह भी आरोप लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। इस पर जयशंकर ने स्पष्ट किया कि “सबसे पहले, हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है।” उन्होंने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया और जोर दिया कि भारत दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
व्हाइट हाउस की सफाई
व्हाइट हाउस ने भी राष्ट्रपति बाइडेन की टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि उनके इरादों का गलत अर्थ निकाला गया है और उनका ध्यान भारत और जापान जैसे देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने पर है।
जयशंकर का यह जवाब भारत की विविधता और स्वागत योग्य संस्कृति को रेखांकित करता है। इस घटनाक्रम ने भारत की वैश्विक छवि और उसकी अर्थव्यवस्था के बारे में चल रही बहसों में नई दिशा प्रदान की है।