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पाकिस्तान और चीन के बॉर्डर पर कौन सी मिसाइलें तैनात करके रखता है भारत, जान लीजिए जवाब

मिसाइलें
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भारतीय सेना (Indian Army) ने अपनी सीमा सुरक्षा को अजेय बनाने के लिए चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर अत्याधुनिक मिसाइलें तैनात की हैं। दोनों पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते तनाव के चलते, भारत ने इन सीमाओं पर अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत किया है। आइए जानते हैं कि किन-किन मिसाइलों को इन सीमाओं पर तैनात किया गया है और ये भारत की सुरक्षा के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।

चीन बॉर्डर पर तैनात मिसाइलें
चीन के साथ भारत का सीमा विवाद दशकों पुराना है। हाल के वर्षों में, सीमा पर तनाव बढ़ा है, खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में। इसके जवाब में भारतीय सेना ने कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (Konkur Anti-Tank Guided Missile) को चीन बॉर्डर पर तैनात किया है। ये मिसाइल 17,000 फीट की ऊंचाई पर सिक्किम के पास तैनात है।

कॉनकर्स मिसाइल: ये मिसाइल दुश्मन के टैंकों को पलक झपकते ही नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसे खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में दुश्मन के भारी वाहन और बख्तरबंद वाहनों को रोकने के लिए बनाया गया है।

इसके साथ ही, सेना ने उत्तरी सीमा पर के-9 वज्र, धनुष, और शारंग जैसे आधुनिक 155 मिमी गन सिस्टम तैनात किए हैं, जो दुश्मन की तोपों को पलटने में सक्षम हैं।

पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात मिसाइलें
पाकिस्तान के साथ भारत का रिश्ता हमेशा से तनावपूर्ण रहा है। सीमा पर आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय सेना ने प्रलय मिसाइल (Pralay Missile) को तैनात किया है।

प्रलय मिसाइल: ये एक आधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 150 से 500 किलोमीटर तक है। इसकी गति लगभग 1,200 किलोमीटर प्रति घंटे है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है।

पाकिस्तान की हरकतों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने इस सीमा पर ऑटोमेटिक हथियारों के साथ बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती भी की है।

ब्रह्मोस: भारत की सबसे घातक मिसाइल
भारत की सैन्य ताकत का सबसे बड़ा प्रतीक ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) है। ये मिसाइल पाकिस्तान और चीन, दोनों के लिए खतरा है।

ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक मिसाइल: इस मिसाइल का नया वर्जन जल्द ही तैयार होने वाला है। ये दुनिया की सबसे तेज मिसाइल होगी, जिसकी गति ध्वनि की रफ्तार से 7-8 गुना तेज (लगभग 9,000 किमी/घंटा) होगी। इसकी रेंज 1,500 किलोमीटर तक होगी। इसे जमीन, पनडुब्बी, जहाज, और विमान से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी रेंज दिल्ली से इस्लामाबाद तक कवर करती है, जो इसे भारत के लिए एक रणनीतिक हथियार बनाती है।

भारत की सीमा सुरक्षा में मिसाइलों की भूमिका
चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के खिलाफ भारतीय सेना की तैनाती दिखाती है कि भारत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। ये मिसाइलें भारत की “पहले हमला न करने” की नीति के साथ भी मेल खाती हैं, क्योंकि इनका उद्देश्य केवल आत्मरक्षा और सीमा की सुरक्षा है।

भारतीय सेना हमेशा अपनी रक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। चाहे चीन की टैंकों की तैनाती हो या पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों की साजिशें, भारतीय सेना हर मोर्चे पर चौकन्ना रहती है। मिसाइलों की ये तैनाती न केवल दुश्मनों को चेतावनी देती है, बल्कि ये भी दिखाती है कि भारत अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है।

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