बोस्टन स्कैंडल: हाल ही में बोस्टन में एक सनसनीखेज सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसने अमेरिका की हाई प्रोफाइल सोसाइटी में हड़कंप मचा दिया। इस रैकेट में बड़े-बड़े व्यवसायी, सरकारी अधिकारी, डॉक्टर, वकील और अन्य प्रतिष्ठित लोग शामिल थे। इस स्कैंडल में भारतीय मूल के सीईओ अनुराग बाजपेयी का नाम भी सामने आया है, जो वाटर ट्रीटमेंट स्टार्टअप ग्रेडिएंट के सीईओ हैं। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आखिर ये बोस्टन स्कैंडल है क्या।
बोस्टन स्कैंडल का खुलासा
नवंबर 2023 में इस हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। मैसाचुसेट्स के पूर्व अमेरिकी अटॉर्नी जोशुआ लेवी ने बताया कि ये रैकेट खास तौर पर अमीर और प्रभावशाली लोगों के लिए बनाया गया था। इसमें गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाता था, ताकि हाई प्रोफाइल ग्राहकों की पहचान उजागर न हो। इस रैकेट में शामिल लोग 300 से 600 डॉलर (लगभग 25,000 से 51,000 रुपये) प्रति घंटे की दर से यौन सेवाएं लेते थे।
ये रैकेट बोस्टन के कैम्ब्रिज, डेडहम, वाटरटाउन और वर्जीनिया के कुछ हिस्सों में मौजूद लग्जरी अपार्टमेंट्स से संचालित होता था। यहां मुख्य रूप से एशियाई महिलाओं को यौन सेवाओं के लिए रखा गया था। जांच के दौरान ये बात सामने आई कि इस नेटवर्क के ग्राहकों में डॉक्टर, वकील, एकाउंटेंट, हाई-टेक और फार्मास्युटिकल कंपनियों के अधिकारी, सैन्य अधिकारी, सरकारी ठेकेदार, प्रोफेसर और वैज्ञानिक जैसे लोग शामिल थे।
अनुराग बाजपेयी का कनेक्शन
इस स्कैंडल में भारतीय मूल के अनुराग बाजपेयी का नाम भी सामने आया है। अनुराग ग्रेडिएंट नामक स्टार्टअप के सीईओ हैं, जिसकी नेटवर्थ एक अरब डॉलर से ज्यादा बताई जाती है। अनुराग ने अमेरिका के प्रतिष्ठित एमआईटी (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज और मिसौरी-कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी शिक्षा हासिल की।
अनुराग पर इस रैकेट में ग्राहक के तौर पर शामिल होने का आरोप है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुराग ने कई बार यौन सेवाओं के लिए भुगतान किया। हालांकि, उनकी कंपनी ग्रेडिएंट ने उनके बचाव में बयान जारी किया है। कंपनी ने WSJ को बताया, “हमें अमेरिकी न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है और हमें यकीन है कि समय के साथ इस मामले का समाधान हो जाएगा।”
रैकेट का संचालन और जांच
ये सेक्स रैकेट बेहद सुनियोजित तरीके से चलाया जा रहा था। कैम्ब्रिज पुलिस के अनुसार, 12 पुरुषों ने कैम्ब्रिज के एक अपार्टमेंट परिसर में कोरियाई महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के लिए पैसे दिए थे। अभी तक कम से कम 30 ग्राहकों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन कई अन्य लोगों की पहचान अभी भी गुप्त रखी गई है। जांच एजेंसियां इस मामले में गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
पूर्व अटॉर्नी जोशुआ लेवी ने बताया कि इस रैकेट का मकसद अमीर ग्राहकों को “खुशी” देना था। इसके लिए हाई प्रोफाइल लड़कियों की व्यवस्था की जाती थी, और पूरी प्रक्रिया को बेहद गोपनीय रखा जाता था।
इस स्कैंडल का प्रभाव
इस खुलासे ने न केवल बोस्टन बल्कि पूरे अमेरिका में हलचल मचा दी है। कई हाई प्रोफाइल लोगों के नाम इसमें शामिल होने की वजह से ये मामला और भी चर्चा में है। अनुराग बाजपेयी जैसे लोग, जो अपनी प्रोफेशनल उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं, इस स्कैंडल में फंसने से उनकी प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बोस्टन सेक्स स्कैंडल ने एक बार फिर ये साबित किया है कि सत्ता, पैसा और प्रभाव कभी-कभी गलत रास्तों पर ले जा सकते हैं। ये मामला अभी जांच के दौर में है, और आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं। अनुराग बाजपेयी और अन्य लोगों की भूमिका को लेकर जांच एजेंसियां गंभीरता से काम कर रही हैं। इस स्कैंडल ने समाज को ये सोचने पर मजबूर किया है कि नैतिकता और जिम्मेदारी का महत्व कितना है।
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