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भारत के जासूसों पर विदेशों में आरोप, लेकिन देशहित सब पर भारी

भारत के जासूसों पर विदेशों में आरोप
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भारत के जासूसों पर विदेशों में आरोप: भारत की जासूसी एजेंसियों पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, और कनाडा जैसे देशों में मीडिया रिपोर्ट्स ने भारत पर अपने रास्ते पर आने वाले लोगों को मारने से लेकर, दूसरे देशों की गोपनीय जानकारी चुराने तक के आरोप लगाए हैं! हालांकि भारत इन आरोपों को सिरे से खारिज करता है।

जासूसी की दुनिया

जासूसी कोई नई बात नहीं, हर देश कुछ ना कुछ छुपा-छुपी करता ही है। भारत हो या अमेरिका, कोई भी देश हो, सबसे पहले वो अपने देश के हित के बारे में सोचेगा। भारत के प्राचीन ग्रंथ अर्थशास्त्र में भी राजनीति के तौर-तरीकों में जासूसी का ज़िक्र है।

भारत के अलग-अलग जवाब

कनाडा के आरोप: भारत ने कनाडा के खालिस्तान समर्थकों को लेकर लगाए गए आरोपों पर कहा कि ये “बेतुके” और “राजनीति से प्रेरित” हैं।

ब्रिटेन की रिपोर्ट्स: भारत के रक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया कि भारत के आतंकवादियों को मारने के लिए पाकिस्तान में घुस जाएगा।

ऑस्ट्रेलियाई रिपोर्ट: भारतीय जासूसों के ऑस्ट्रेलिया से निकाले जाने वाली खबरों पर भारत ने कोई मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया है।

अमेरिकी खुलासा: भारत द्वारा खालिस्तानी नेता को मारने की साज़िश के अमेरिकी खुलासे पर भी भारत ने ज़्यादा तूल नहीं दिया, बस जांच जारी होने का बहाना दे दिया।

क्या हो रहा है?

भारत की विदेश नीति में पहले से ज़्यादा दमखम दिखता है। हो सकता है, भारत दूसरे देशों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के गुप्त तरीके अपना रहा हो। लेकिन ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा जैसे रसूखदार देशों ने शायद ये संदेश दिया है कि भारत को अपनी सीमा में रहना चाहिए। ये देश आपस में जानकारी भी साझा करते हैं, तो मुमकिन है कि मिलकर भारत पर ये दबाव बनाया जा रहा हो।

आने वाले वक्त में शायद ऐसे खुलासे और भी हो सकते हैं। देखना ये होगा कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव आता है, या भारत अपने “देशहित सर्वोपरि” वाले सिद्धांत पर टिका रहेगा।

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