Indian Woman Gangraped in Dubai: मुंबई की एक 24 साल की महिला की कहानी सुनकर हर कोई हैरान है। वो अपने परिवार की मदद के लिए दुबई नौकरी करने गई थी, लेकिन वहां उसके साथ ऐसी हैवानियत हुई कि वो टूट चुकी है। 27 अक्टूबर 2024 को उसके सहकर्मियों ने कथित तौर पर उसके साथ गैंगरेप किया और इतनी बेरहमी से मारपीट की कि वो अब बोल भी नहीं पा रही। अब वो मुंबई के कांदिवली वेस्ट के शताब्दी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
ये महिला वर्सोवा की रहने वाली है। उसकी माँ तलाकशुदा है और तीन बेटियों के साथ रहती है। परिवार की आर्थिक हालत खराब थी, इसलिए माँ ने अपनी सबसे बड़ी बेटी को 2023 में दुबई भेजा। उसे एक एजेंट, माजिद, ने अच्छी नौकरी का वादा किया था। माजिद 50 साल का है और दुबई में रहता है। शुरू में उसने महिला को अपनी इंडोनेशियाई पत्नी के घर रखा, जहां उसे घरेलू काम करने पड़े। वहां कई और लड़कियां भी थीं।
माजिद ने कहा कि उसका सीवी अच्छी कंपनियों में भेजा गया है और जल्द नौकरी मिल जाएगी। लेकिन हफ्तों तक कुछ नहीं हुआ। बाद में उसे माजिद की दूसरी पत्नी, जो पाकिस्तानी थी, के घर भेजा गया। वहां उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ। माँ ने जब माजिद से नौकरी के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि वो उनकी बेटी को अपनी बच्ची की तरह मानता है। आखिरकार, कुछ महीनों बाद उसे अबू धाबी के मैकडॉनल्ड्स के SEAF ब्रांच में किचन की नौकरी मिली।
वहां वो अकेली भारतीय महिला थी। वो कुछ लड़कियों के साथ एक कमरे में रहती थी, जबकि पुरुष सहकर्मी उसी बिल्डिंग के ऊपरी माले पर रहते थे। माँ का कहना है कि वहां उसके साथ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न होता था। एक नेपाली सहकर्मी, संदीप पाली, ने पहले उससे दोस्ती की और फिर उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया। 27 अक्टूबर 2024 को संदीप ने उसे किसी काम के बहाने अपने कमरे में बुलाया, जहां पांच लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया और उसे इतना मारा कि वो बुरी तरह घायल हो गई।
उसे अबू धाबी के क्लीवलैंड अस्पताल में भर्ती किया गया। सहकर्मियों ने डॉक्टरों को बताया कि उसने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। माँ का कहना है कि ये झूठ था। महिला की हालत इतनी खराब थी कि वो अपनी माँ से बात भी नहीं कर पाई। माँ ने मैकडॉनल्ड्स के मैनेजर सलमान से संपर्क किया, जिसने कहा कि उनकी बेटी मेडिकल लीव पर है। जब उसका फोन बंद रहा, तो माँ ने भारतीय दूतावास के जरिए उसका पता लगाया।
अस्पताल ने माँ को बार-बार बेटी को डिस्चार्ज करने को कहा, लेकिन माँ के पास पासपोर्ट नहीं था। उसी दौरान महिला की दादी, जो दुबई में थी, अस्पताल पहुंची और उसे आईसीयू में देखा। दादी का वीजा खत्म होने के बाद वो भारत लौट आई। बाद में महिला को अबू धाबी के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
19 जून 2025 को मैकडॉनल्ड्स के एक सीनियर ऑफिसर प्रदीप ने महिला को मुंबई भेज दिया। उसे स्टार केयर एम्बुलेंस से कांदिवली के शताब्दी अस्पताल ले जाया गया। माँ का आरोप है कि उसे बिना पासपोर्ट और सामान के जबरदस्ती भारत भेजा गया। एम्बुलेंस स्टाफ ने परिवार को छह घंटे बाद सूचना दी, जब वो अस्पताल में अकेली पड़ी थी।
माँ ने पहले उसे सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां बार-बार डिस्चार्ज करने को कहा गया। उसकी हालत गंभीर थी, उसे ट्यूब से खाना दिया जा रहा था और उसके दोनों हाथ जकड़े हुए थे। बाद में उसे शताब्दी अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां वो अब भी इलाजरत है।
माँ ने 26 जून 2025 को वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, जिसे कांदिवली पुलिस स्टेशन भेजा गया। लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। परिवार का कहना है कि उनकी बेटी के साथ साजिश, ट्रैफिकिंग और यौन शोषण हुआ, और वो इसके लिए इंसाफ मांग रहे हैं।
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