भारतीय रेसलिंग के महान खिलाड़ी बजरंग पूनिया का करियर अब गंभीर संकट में है। दरअसल नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने उन्हें चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। बता दें कि उनपर ये प्रतिबंध मार्च में हुए राष्ट्रीय टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट देने से इनकार करने की वजह से लगाया गया है। नाडा के इस कड़े कदम ने न केवल उनके कुश्ती करियर पर विराम लगा दिया है, बल्कि उनके भविष्य की संभावनाओं को भी सीमित कर दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बजरंग पूनिया पर लगा ये प्रतिबंध उनके अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की संभावनाओं को खत्म कर देता है। इस फैसले का असर केवल उनके खिलाड़ी जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि अगले चार वर्षों तक वो विदेशों में कोचिंग देने में भी असमर्थ रहेंगे। ये प्रतिबंध उनके फैंस और भारतीय कुश्ती प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि बजरंग ने अपने करियर में देश का नाम कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रोशन किया है।
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उनकी उपलब्धियां भारतीय कुश्ती के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हैं। लेकिन ये घटना उनके करियर को गंभीर मोड़ पर ले आई है। इस स्थिति में ये देखना होगा कि बजरंग पूनिया प्रतिबंध के खिलाफ अपील करते हैं या नहीं। हालांकि इस मामले ने साफ कर दिया है कि खेल के नियमों का पालन करना हर खिलाड़ी के लिए अनिवार्य है, चाहे वो कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो।
बजरंग पूनिया का प्रतिबंध भारतीय रेसलिंग के लिए एक गहरी चोट है। उनके फैंस अब भी उम्मीद कर रहे हैं कि वो इस मुश्किल समय से उभरकर अपनी पहचान को दोबारा स्थापित करेंगे। ये मामला भारतीय खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी है, जो नियमों के पालन और अनुशासन के महत्व को उजागर करता है।
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