Indian DNA – India-Indonesia Connection: गणतंत्र दिवस 2025 (Republic Day 2025) भारत के लिए बेहद खास रहा। इस साल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो (Prabowo Subianto) मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए। 25 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के द्वारा आयोजित भोज में प्रबोवो सुबियांतो ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उनका डीएनए भारतीय (Indian DNA) है। इस घोषणा ने हर किसी का ध्यान खींच लिया और भारत-इंडोनेशिया के ऐतिहासिक संबंधों को एक बार फिर चर्चा में ला दिया।
Indian DNA: “मेरा डीएनए भारतीय है”
भोज के दौरान प्रबोवो सुबियांतो ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “कुछ हफ्ते पहले मैंने जेनेटिक सीक्वेंसिंग और डीएनए टेस्ट कराया। नतीजों में पाया गया कि मेरा डीएनए भारतीय है। जब भी मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, तो मैं खुद को नाचने से रोक नहीं पाता।” इस बयान ने पूरे हॉल में एक नया उत्साह भर दिया और सभी ने इस ऐतिहासिक जुड़ाव को सराहा।
भारत-इंडोनेशिया का ऐतिहासिक रिश्ता
प्रबोवो सुबियांतो ने अपने भाषण में कहा कि भारत-इंडोनेशिया का संबंध (India-Indonesia Connection) हजारों साल पुराना है। उन्होंने कहा, “भारत और इंडोनेशिया के बीच प्राचीन सभ्यतागत संबंध हैं। हमारी भाषा का एक बड़ा हिस्सा संस्कृत से प्रभावित है। यहां तक कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी भारतीय संस्कृति का असर दिखाई देता है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्कृत भाषा ने इंडोनेशिया की परंपराओं, नामों और रीति-रिवाजों में गहरी छाप छोड़ी है। यह जुड़ाव केवल सांस्कृतिक स्तर पर नहीं, बल्कि भावनात्मक और ऐतिहासिक रूप से भी गहरा है।
प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरणा
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप से बहुत कुछ सीखा है। उनके गरीबी उन्मूलन और विकास के लिए किए गए प्रयास प्रेरणादायक हैं। हमें उनके द्वारा स्थापित उदाहरणों को फॉलो करना चाहिए।”
प्रबोवो सुबियांतो ने यह भी कहा कि वह भारत में ज्यादा दिन नहीं रुके, लेकिन इन कुछ दिनों में उन्होंने भारत की प्रगति, विविधता और संस्कृतियों से बहुत कुछ सीखा।
दिल से बोले राष्ट्रपति
प्रबोवो सुबियांतो ने यह भी स्वीकार किया कि वह पेशेवर राजनेता या कूटनीतिक नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं दिल से बोल रहा हूं। मैं यहां कम दिनों के लिए आया हूं, लेकिन भारत ने मुझे गर्व महसूस कराया। यह देश केवल अपने विकास के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को प्रेरित करने के लिए भी जाना जाएगा।”
एक नई शुरुआत
प्रबोवो सुबियांतो का यह बयान केवल डीएनए टेस्ट तक सीमित नहीं था। उनके शब्दों ने भारत और इंडोनेशिया के बीच के गहरे रिश्तों को फिर से उजागर किया। यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच साझा इतिहास और सांस्कृतिक संबंधों ने एक मजबूत नींव बनाई है।
उनकी इस भावुक और ईमानदार बातचीत ने यह संदेश दिया कि भारत और इंडोनेशिया का संबंध केवल भौगोलिक नहीं है, बल्कि यह दिलों का रिश्ता है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का यह बयान केवल उनकी भारतीय जड़ों का खुलासा नहीं करता, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे भारत का सांस्कृतिक प्रभाव दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षण भारत और इंडोनेशिया के बीच के संबंधों को मजबूत करने का एक और कदम है।
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