महाराष्ट्र पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। और वो बदलाव ये है कि आईपीएस संजय वर्मा को राज्य के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों से पहले निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाया है।
क्यों हटाई गईं पूर्व डीजीपी रश्मि शुक्ला?
चुनाव आयोग ने ये निर्णय कांग्रेस की राज्य प्रमुख नाना पटोले की शिकायत के बाद लिया, जिसमें डीजीपी रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए थे। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना, ने चुनाव आयोग से रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की थी, और उनके कार्यों को सत्तारूढ़ दल के प्रति पक्षपातपूर्ण बताया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से महाराष्ट्र कैडर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे, जिनमें से संजय वर्मा का चयन हुआ।
कौन हैं आईपीएस संजय वर्मा?
संजय वर्मा 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, जिनकी पुलिस सेवा में लंबी और सम्मानजनक पृष्ठभूमि रही है। वर्तमान में उन्होंने महाराष्ट्र में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में सेवा दी है। वो 2028 में सेवा से रिटार होने वाले हैं। वर्मा के नाम का चयन उनकी योग्यता और अनुभव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
जानकारी हो कि हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन निष्पक्षता और बिना किसी दबाव के करने की सख्त हिदायत दी थी। उनका ये निर्देश एक संकेत था कि आगामी चुनाव में प्रशासन और पुलिस का कामकाज निष्पक्षता से होना चाहिए।
अब इस नियुक्ति के साथ, चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के अपने इरादों को स्पष्ट कर दिया है। संजय वर्मा की नियुक्ति से राज्य में एक मजबूत और निष्पक्ष कानून व्यवस्था की उम्मीद जताई जा रही है, जो एक सफल और स्वतंत्र चुनाव के लिए आवश्यक है।
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