ITI Instructors Regularisation: महाराष्ट्र के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में वर्षों से घंटों के आधार पर काम कर रहे प्रशिक्षकों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढा (Mangal Prabhat Lodha) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसने इन प्रशिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाने का वादा किया है। उन्होंने पाँच साल से अधिक समय से कार्यरत घंटों के आधार पर काम करने वाले प्रशिक्षकों (Hourly-Based ITI Instructors) को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय न केवल इन प्रशिक्षकों के लिए एक राहत की खबर है, बल्कि यह महाराष्ट्र के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
यह कदम पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस के एक लिखित अनुरोध के बाद आया, जिन्होंने मंगल प्रभात लोढा से इन प्रशिक्षकों के नियमितीकरण (Regularisation of Instructors) पर विचार करने की अपील की थी। इस अनुरोध का जवाब देते हुए, मंत्री लोढा ने तुरंत इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों को सकारात्मक चर्चा के बाद उचित कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। इस पहल से उन हजारों प्रशिक्षकों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से अनिश्चितता के साये में काम कर रहे हैं। यह निर्णय उनके लिए स्थिरता और सम्मान की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
महाराष्ट्र के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षकों की कमी एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस मुद्दे को उठाते हुए बताया कि कई ITI में रिक्त पदों की संख्या काफी अधिक है। इन रिक्तियों को भरने के लिए घंटों के आधार पर काम करने वाले प्रशिक्षक (Hourly-Based ITI Instructors) अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। महासंघ ने मंगल प्रभात लोढा को एक पत्र सौंपा, जिसमें माँग की गई कि पाँच साल या उससे अधिक समय से कार्यरत प्रशिक्षकों को, जो न्यूनतम योग्यता जैसे ITI, CTI, डिप्लोमा या डिग्री रखते हैं, एक योग्यता परीक्षा देने का अवसर दिया जाए। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षकों को नियमित किया जाए (Regularisation of Instructors)।
मंत्री लोढा ने इस माँग को गंभीरता से लिया और व्यवसाय शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय के निदेशक को लिखित निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में कहा गया कि पाँच साल से अधिक समय से कार्यरत प्रशिक्षकों को एक योग्यता परीक्षा के माध्यम से नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह कदम न केवल प्रशिक्षकों के लिए नौकरी की स्थिरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि ITI में प्रशिक्षण की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा। यह निर्णय उन प्रशिक्षकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपनी मेहनत और समर्पण से छात्रों को कुशल बनाने में योगदान दे रहे हैं।
यह पहल महाराष्ट्र के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। घंटों के आधार पर काम करने वाले प्रशिक्षकों की स्थिति को नियमित करने से न केवल उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह ITI में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी फायदेमंद होगा। नियमित प्रशिक्षक अधिक आत्मविश्वास और समर्पण के साथ काम कर सकेंगे, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अलावा, यह कदम उन रिक्तियों को भरने में भी मदद करेगा, जो लंबे समय से ITI के लिए चुनौती बनी हुई हैं।
मंगल प्रभात लोढा का यह निर्णय उनके कौशल विकास और रोजगार के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने पहले भी कई पहल की हैं, जिनका उद्देश्य महाराष्ट्र के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और तकनीकी शिक्षा को मजबूत करना है। इस बार उनके इस कदम से उन प्रशिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो वर्षों से अनिश्चितता के बीच अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। यह निर्णय न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे राज्य के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।
इस प्रक्रिया से उन प्रशिक्षकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जो न्यूनतम योग्यता रखते हैं और अपने अनुभव के आधार पर योग्यता परीक्षा में हिस्सा लेना चाहते हैं। यह परीक्षा उनके लिए एक अवसर होगी, जिसके माध्यम से वे अपनी मेहनत और योग्यता को साबित कर सकेंगे। साथ ही, यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी, जिससे केवल योग्य उम्मीदवारों को ही नियमितीकरण का लाभ मिलेगा। यह कदम न केवल प्रशिक्षकों के लिए, बल्कि उन छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो इन प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करता है। यह कदम उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। मंगल प्रभात लोढा की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि उन लोगों के लिए भी काम कर रही है, जो इस प्रणाली का हिस्सा हैं। यह कदम निश्चित रूप से महाराष्ट्र के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को और मजबूत करेगा।
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