पुरी, ओडिशा में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर से विशाल रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर की ओर ले जाया गया। इस यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। पुरी के शंकराचार्य और राजा ने रथों का दर्शन किया और ‘छेरा पहनारा’ अनुष्ठान पूरा किया। शाम को रथ खींचने का कार्य शुरू हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अन्य प्रमुख लोगों ने भी रथों का दर्शन किया।
रथों में लकड़ी के घोड़े लगाए गए थे और सेवक मार्गदर्शन कर रहे थे। लोग ‘जय जगन्नाथ’ के जयकारे लगा रहे थे। रथ यात्रा से पहले कीर्तन और ओडिसी नृत्य का आयोजन हुआ।
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने पुरी के शंकराचार्य से मुलाकात की। तीन घंटों तक चले ‘पहांडी’ रस्म के बाद भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को रथों पर विराजमान किया गया।
भगवान सुदर्शन को सबसे पहले देवी सुभद्रा के रथ तक ले जाया गया। इसके बाद भगवान बलभद्र और अंत में भगवान जगन्नाथ को रथों पर ले जाया गया। मंदिर के गर्भगृह से देवताओं को निकालने से पहले कई अनुष्ठान किए गए।
इस साल खगोलीय स्थितियों के कारण रथ यात्रा दो दिवसीय होगी। ‘नबजौबन दर्शन’ और ‘नेत्र उत्सव’ जैसे अनुष्ठान भी एक ही दिन में किए गए।
सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे, जिसमें 180 प्लाटून और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया गया। गर्म मौसम को देखते हुए भीड़ पर पानी भी छिड़का गया।