जयपुर हत्याकांड: कभी सोचा था कि एक मां की साधारण-सी फरियाद उसकी जान ले लेगी? राजस्थान के जयपुर से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी का दिल दहला दिया है। सुबह का सामान्य सा समय था। घर का सिलेंडर खाली हो चुका था। मां ने बेटे से प्यार से कहा,
“बेटा, सिलेंडर बदल दे…” पर यही शब्द उस मां की जिंदगी के आखिरी शब्द बन गए।
छोटे से विवाद ने छीनी मां की सांसें
करधनी क्षेत्र के अरुण विहार इलाके में रहने वाली 51 वर्षीय संतोष देवी ने अपने बेटे नवीन से सिलेंडर बदलने को कहा। मामूली-सी इस बात पर नवीन बौखला गया। पहले तो बहस की, फिर गुस्से में आकर उसने अपनी ही मां पर मुक्कों और डंडे से हमला कर दिया।
संतोष देवी दर्द से कराहती रहीं, पति और बेटियां उन्हें बचाने दौड़ीं, लेकिन बेटे के सिर पर पागलपन सवार था। उसने तब तक वार किए, जब तक मां बेसुध होकर ज़मीन पर नहीं गिर पड़ीं। परिजन तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने संतोष देवी को मृत घोषित कर दिया।
परिवार की खुशियों पर पड़ा मातम का साया
संतोष देवी का परिवार मूल रूप से महेंद्रगढ़, हरियाणा का रहने वाला है। पति लक्ष्मण सिंह, जो दस साल पहले सेना से रिटायर होकर जयपुर में बस गए थे, इस हादसे के बाद गहरे सदमे में हैं। बेटियां अपनी मां की लाश देखकर फूट-फूटकर रो रही थीं। हर कोई यही कह रहा था, अगर सिलेंडर बदलने पर इतना गुस्सा आ सकता है, तो इंसानियत आखिर कहां बची है?
आरोपी बेटा नशे का आदी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बेटा नवीन नशे का आदी है। उसकी शादी साल 2020 में हुई थी, लेकिन नशे और झगड़े की आदत के चलते पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई। यहां तक कि पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का केस भी दर्ज कराया था। घरवाले पहले से ही उसकी आदतों से परेशान थे, लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन वो अपनी मां की जान ले लेगा।
FIR और पुलिस कार्रवाई
घटना के बाद मृतका के जेठ ओमपाल सिंह ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी बेटे को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ जारी है। पोस्टमार्टम के बाद संतोष देवी का शव परिजन हरियाणा लेकर गए, जहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इंसानियत के लिए सवाल
ये घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक बड़ा सवाल भी छोड़ती है, कि क्या नशा और गुस्सा रिश्तों से बड़ा हो गया है? क्या एक मां की ममता भी अब बेटे की बेरहमी के आगे बेबस हो गई है?
जयपुर की ये कहानी हमें याद दिलाती है कि गुस्से और नशे की आग सिर्फ इंसान को नहीं, पूरे परिवार को तबाह कर देती है।
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