कश्मीर की खूबसूरत वादियों में एक बार फिर आतंक का साया मंडरा रहा है। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से आतंकी हमलों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। इन हमलों ने न केवल सुरक्षा बलों को चौकन्ना कर दिया है, बल्कि आम नागरिकों के मन में भी डर और चिंता पैदा कर दी है। आइए इन हमलों और उनके पीछे की कहानी को विस्तार से समझते हैं।
कश्मीर में हाल के आतंकी हमले
जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में आतंकवादी हमलों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इन हमलों ने सभी को हैरान कर दिया है। 8 जुलाई को कठुआ जिले में हुए एक बड़े हमले में सेना के पांच बहादुर जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए। ये हमला इतना बड़ा था कि पूरे देश में हड़कंप मच गया। इससे महज एक दिन पहले, 7 जुलाई को, राजौरी जिले में एक सुरक्षा चौकी पर हमला हुआ था। इस हमले में एक वीर सैनिक घायल हो गया था। ये दोनों हमले लगातार दो दिनों में हुए, जो ये दर्शाता है कि आतंकी कितने सक्रिय हो गए हैं।
नए आतंकी समूह की पहचान
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की एक रिपोर्ट ने इस बढ़ती हिंसा के पीछे की वजह पर रोशनी डाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमलों में इस अचानक वृद्धि का कारण एक नया आतंकी समूह हो सकता है। ये नया समूह कोई मामूली गिरोह नहीं है। इस नए आतंकी समूह की खास बात ये है कि इसमें शामिल ज्यादातर आतंकी पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्रों से भर्ती किए गए हैं। इन आतंकियों को कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने खास तौर पर चुना और ट्रेनिंग दी है। लेकिन सबसे चिंताजनक बात ये है कि इनमें से कई आतंकियों को अफगानिस्तान में चले लंबे युद्ध का अनुभव भी है।
आतंकवादी हमलों की घटनाएं
हाल के दिनों में कई बड़े आतंकी हमले हुए हैं, जो इस नए समूह की खतरनाक क्षमता को दर्शाते हैं:
डोडा जिले में हुई एक बड़ी मुठभेड़ में चार वीर जवान शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में आतंकवादी भारी हथियारों से लैस थे, जो उनकी बढ़ी हुई ताकत को दिखाता है। यह घटना जम्मू में महज तीन हफ्तों के अंदर हुई तीसरी बड़ी आतंकवादी घटना थी। इससे पता चलता है कि आतंकी लगातार और तेजी से हमले कर रहे हैं।
9 जून को एक और दर्दनाक घटना हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कार्यकाल की शपथ लेने के ठीक उसी दिन, रियासी जिले में एक बस पर जानलेवा हमला हुआ। इस हमले में नौ मासूम तीर्थयात्री मारे गए और 42 लोग घायल हो गए। ये सभी घटनाएं बताती हैं कि नए आतंकी समूह न केवल ज्यादा सक्रिय है, बल्कि ज्यादा हिंसक और खतरनाक भी है।
आतंकियों की नई रणनीति
रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। नए आतंकी गुट में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो पहले पाकिस्तान सेना में थे। इसके अलावा, कई ऐसे लड़ाके भी हैं जिन्हें अफगानिस्तान में युद्ध का अनुभव है। इस अनुभव की वजह से वे ज्यादा कुशल और खतरनाक हो गए हैं। इन आतंकियों ने अपने हमलों में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। वे अब अपने हमलों को ज्यादा सटीक और प्रभावी बना रहे हैं। इसके लिए वे उन्नत तकनीकों और हथियारों का उपयोग कर रहे हैं।
सबसे चिंताजनक बात ये है कि ये आतंकी अब अपने हमलों के वीडियो बनाने लगे हैं। इसके लिए वे बॉडी कैमरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिर वे इन वीडियो में अंग्रेजी में सबटाइटल डालकर उन्हें इंटरनेट पर वायरल करने की कोशिश करते हैं। इस तरह वे अपने हमलों का प्रचार करते हैं और दूसरे युवाओं को भटकाने की कोशिश करते हैं।
सुरक्षा बलों का संघर्ष
हमारे बहादुर सुरक्षा बल दिन-रात इन आतंकियों से लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या ये है कि उन्हें स्थानीय लोगों से पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जब स्थानीय लोग सहयोग नहीं करते, तो सुरक्षा बलों को आतंकियों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती। वे नहीं जान पाते कि आतंकी कहां छिपे हैं, कब और कहां हमला कर सकते हैं। इस वजह से आतंकी बड़े-बड़े हमले करने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसे में जैश-ए-मोहम्मद के ये नए आतंकी कश्मीर में सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। उनका अफगानिस्तान में लड़ाई का अनुभव और नई तकनीकों का इस्तेमाल उन्हें और भी खतरनाक बना रहा है।
लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हमारे सुरक्षा बल भी बहुत बहादुर और कुशल हैं। वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि हम सब सुरक्षित रह सकें। हमें अपने सुरक्षा बलों पर भरोसा रखना चाहिए और उनका साथ देना चाहिए। साथ ही, हमें ये भी समझना होगा कि आतंकवाद से लड़ाई सिर्फ सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी नहीं है। हम सभी को मिलकर शांति और भाईचारे का संदेश फैलाना होगा। तभी हम इस आतंक के साए को हमेशा के लिए दूर कर पाएंगे और कश्मीर की खूबसूरत वादियों में फिर से खुशियां लौटा पाएंगे।
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