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Jammu-Kashmir Election: क्या जम्मू-कश्मीर चुनाव में नॉमिनेट विधायक BJP की जीत का गुप्त फॉर्मूला साबित होंगे?

Jammu-Kashmir Election: क्या जम्मू-कश्मीर चुनाव में नॉमिनेट विधायक BJP की जीत का गुप्त फॉर्मूला साबित होंगे?
Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में हाल ही के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने से पहले ही बड़ा सियासी ड्रामा सामने आ रहा है। नए नियमों और 5 नॉमिनेट विधायकों की मदद से BJP ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। यह फॉर्मूला विपक्षी दलों के लिए चुनौती बनकर उभर रहा है।

क्या जम्मू-कश्मीर में BJP को मिल गया है नया फॉर्मूला?

जम्मू-कश्मीर में हुए ताजा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आने वाले हैं, लेकिन उसके पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर चुनाव (Jammu-Kashmir Election) में इस बार BJP ने एक ऐसा फॉर्मूला अपनाने की तैयारी की है, जो उसे आसानी से सत्ता तक पहुंचा सकता है। इस फॉर्मूले में LG द्वारा नॉमिनेट किए जाने वाले 5 विधायकों की भूमिका अहम मानी जा रही है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर चुनाव (Jammu-Kashmir Election) के तहत जब विधानसभा में 5 विधायकों को नॉमिनेट किया जाएगा, तो कुल विधायकों की संख्या 90 से बढ़कर 95 हो जाएगी। इस तरह बहुमत का आंकड़ा भी बदलकर 48 हो जाएगा। सूत्रों का मानना है कि BJP को जम्मू क्षेत्र में 32 से 35 सीटों तक का फायदा हो सकता है। ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार और नॉमिनेट किए गए विधायक मिलकर सरकार बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

नॉमिनेट विधायकों की भूमिका और बहुमत का खेल

जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 के तहत LG को अधिकार है कि वे 5 विधायकों को नॉमिनेट कर सकते हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं, कश्मीरी पंडितों और PoK के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना है। इन विधायकों को सरकार गठन के दौरान अन्य निर्वाचित विधायकों के समान विशेषाधिकार मिलते हैं।

यह फॉर्मूला सीधे तौर पर BJP को फायदा पहुंचा सकता है। जम्मू-कश्मीर के चुनावी समीकरणों को देखते हुए, ये नॉमिनेट विधायक किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि इन विधायकों का समर्थन BJP को सत्ता के नजदीक ला सकता है, जोकि जनादेश का अपमान हो सकता है।

BJP ने इस चुनाव में खुद 62 सीटों पर चुनाव लड़ा है और बाकी सीटों पर निर्दलीयों और छोटे दलों को समर्थन दिया है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नॉमिनेट विधायकों के साथ-साथ निर्दलीयों के समर्थन से BJP बहुमत हासिल कर सकती है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया और कानूनी दांव-पेच

जैसे ही नॉमिनेट किए जाने वाले विधायकों की बात सामने आई, विपक्षी दलों ने इसका जोरदार विरोध किया। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने LG द्वारा 5 विधायकों के नॉमिनेशन को जनादेश के खिलाफ बताया। कांग्रेस का मानना है कि यह फैसला लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है और साफ तौर पर जम्मू कश्मीर सरकार बनाने का फॉर्मूला (Jammu Kashmir government formation formula) BJP के लिए तैयार किया जा रहा है।

फारूक अब्दुल्ला ने यहां तक कहा कि अगर यह फैसला लागू होता है, तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। PDP की इल्तिजा मुफ्ती ने इसे नतीजों से पहले धांधली करार दिया। उनका आरोप है कि BJP पहले से ही 5 नॉमिनेट विधायकों के जरिए सत्ता हासिल करने की रणनीति बना चुकी है, और यह जनता के फैसले का अपमान है।

BJP के लिए सरकार बनाने का आसान रास्ता?

BJP जम्मू क्षेत्र में पहले से ही मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। जम्मू संभाग की 43 सीटों में से 32 से 35 सीटें BJP की झोली में आने का अनुमान है। वहीं, कश्मीर क्षेत्र की 47 सीटों में से कुछ पर भी BJP की पकड़ मजबूत मानी जा रही है। ऐसे में निर्दलीयों और नॉमिनेट किए गए विधायकों की मदद से BJP बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है।

विपक्ष का मानना है कि यह फॉर्मूला राजनीतिक खेल का हिस्सा है, जिसमें BJP ने चुनाव के नतीजों से पहले ही अपनी जीत सुनिश्चित कर ली है। दूसरी ओर, BJP का दावा है कि यह नियम महिलाओं और अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देने के लिए लाया गया था और इसका सत्ता से कोई लेना-देना नहीं है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि नतीजों के बाद यह चुनावी समीकरण किस दिशा में जाता है और क्या BJP सरकार बना पाती है या नहीं।

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