महाराष्ट्र

आज से पानी भी नहीं पिएंगे जरांगे पाटिल, बिगड़ती हालत बनी चिंता का विषय

जरांगे पाटिल
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मुंबई का ऐतिहासिक आजाद मैदान इन दिनों मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का केंद्र बना हुआ है। मराठा समाज के नेता और कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल यहां बीते शुक्रवार से आमरण अनशन पर बैठे हैं। आज उनका अनशन चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है और लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं गहराती जा रही हैं।

स्वास्थ्य पर मंडराता खतरा
शुक्रवार से अब तक मनोज जरांगे ने अन्न का एक दाना तक नहीं खाया है। डॉक्टरों की टीम ने बीती रात उनकी जांच की जिसमें ब्लड सैंपल, शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच शामिल थी। मेडिकल टीम ने चेतावनी दी है कि जरांगे अब पानी पीना भी छोड़ने वाले हैं, जो उनके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों ने उन्हें ORS और पानी लेने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

आरक्षण की लड़ाई में नया मोड़
कल देर शाम मराठा आरक्षण समिति के पूर्व सदस्य और पूर्व ब्यूरोक्रेट मधुकर अर्धड ने जरांगे से मुलाकात की। करीब 45 मिनट की बातचीत में उन्होंने ऐतिहासिक दस्तावेज और हैदराबाद गजेट्स के सबूत पेश किए। उनका दावा है कि मराठवाड़ा के पांच जिलों के 35 से 40% रिकॉर्ड्स में मराठा कुणबी दर्ज हैं। ये दस्तावेज आरक्षण की कानूनी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

बारिश और कीचड़ के बीच आंदोलन
भारी बारिश से आंदोलन स्थल पर कीचड़ और पानी भर गया था। बीएमसी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सात ट्रक खड़ी मंगवाकर वहां गिट्टी बिछवाई। स्वयंसेवकों ने जगह को समतल कर आंदोलनकारियों के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया।

आंदोलनकारियों का मुंबई की ओर रुख
नांदेड से आए आंदोलनकारी बड़ी संख्या में मुंबई पहुंच चुके हैं। कई लोगों ने चर्चगेट रेलवे स्टेशन परिसर में रात गुजारी। स्टेशन पर चटाई बिछाकर आंदोलनकारियों ने गांव से लाए भोजन के साथ डेरा डाला। यह नजारा आंदोलन की दृढ़ता और संकल्प को दर्शाता है।

ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था
मुंबई पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ती जा रही है।

  • CSMT स्टेशन की ओर जाने वाली सभी मुख्य सड़कें आज बंद कर दी गई हैं।

  • मेट्रो सिनेमा जंक्शन पर भी आंदोलनकारियों ने रास्ता रोक दिया है।

  • मंत्रालय के सामने मैडम कामा रोड से मरीन ड्राइव जंक्शन तक का मार्ग सुरक्षा कारणों से बंद है।

  • हुतात्मा चौक और फैशन स्ट्रीट से CSMT की ओर जाने वाले रास्तों पर भी यातायात रोक दिया गया है।

हालांकि राहत की बात ये है कि ईस्टर्न फ्रीवे को आज वाहनों के लिए खोल दिया गया है, जो बीते दो दिनों से बंद था।

सरकार पर दबाव
जरांगे पाटिल के स्वास्थ्य और आंदोलन के बढ़ते दायरे को देखते हुए राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है। आज सरकार की तरफ से उनसे बातचीत की पहल हो सकती है। शिंदे समिति की अहम बैठक भी आज प्रस्तावित है और संभावना जताई जा रही है कि कुछ मंत्री व्यक्तिगत रूप से आंदोलन स्थल पर पहुंच सकते हैं।

ये आंदोलन अब सिर्फ एक भूख हड़ताल नहीं, बल्कि मराठा आरक्षण संघर्ष का निर्णायक मोड़ बन चुका है। जरांगे पाटिल के स्वास्थ्य और आंदोलन की गंभीरता ने इसे पूरे राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक चुनौती बना दिया है।

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