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घाटी में लोकतंत्र की गूंज: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भारी मतदान

घाटी में लोकतंत्र की गूंज: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भारी मतदान

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav) के पहले चरण में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 10 साल बाद हो रहे इस चुनाव में लोगों का उत्साह साफ दिखाई दिया। कुल मिलाकर 61.1% मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव से थोड़ा ज्यादा है।

किश्तवाड़ जिले में सबसे ज्यादा वोट पड़े। यहां 77.23% लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया। वहीं पुलवामा में सबसे कम वोटिंग हुई, लेकिन यहां भी करीब 30% लोगों ने वोट डाला। ये आंकड़े बताते हैं कि लोग अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए कितने उत्सुक थे।

मतदान की रफ्तार

सुबह से ही लोग वोट डालने के लिए लाइन में लग गए थे। पहले दो घंटों में ही 11.1% वोटिंग हो गई थी। दोपहर तक ये आंकड़ा बढ़कर 41.17% हो गया। शाम 5 बजे तक 58.19% लोगों ने वोट डाल दिया था। अंत में ये आंकड़ा 61.1% तक पहुंच गया।

हर जिले में अलग-अलग स्थिति थी। किश्तवाड़ में जहां 77.23% वोटिंग हुई, वहीं डोडा में 50.81%, रामबन में 49.68%, अनंतनाग में 37.90%, कुलगाम में 39.91%, शोपियां में 38.72% और पुलवामा में 29.84% लोगों ने वोट डाला।

सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम

चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पिछले कुछ महीनों में आतंकी घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी था। खासकर चिनाब घाटी में ज्यादा सावधानी बरती गई।

कुल 1,328 मतदान केंद्रों पर चुनाव हुआ। इन सभी जगहों पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी थी। इससे लोगों को सुरक्षा का अहसास हुआ और वे बेखौफ होकर वोट डालने आए।

लोकतंत्र की जीत

इस चुनाव को कई मायनों में खास माना जा रहा है। 10 साल बाद हो रहे इस चुनाव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह बताता है कि लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं।

डोडा के जिला चुनाव अधिकारी हरविंदर सिंह ने कहा, “लोगों में काफी उत्साह था। हमें उम्मीद है कि इस बार अच्छा मतदान होगा। स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव हो रहा है।”

आगे की चुनौतियां

अभी चुनाव के कई और चरण बाकी हैं। आने वाले दिनों में और भी सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव आयोग की कोशिश है कि हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो।

लोगों से अपील की जा रही है कि वे बड़ी संख्या में वोट डालने आएं। जितने ज्यादा लोग वोट डालेंगे, उतना ही मजबूत लोकतंत्र होगा। हर एक वोट मायने रखता है।

इस चुनाव के नतीजे न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उम्मीद है कि आने वाले चरणों में भी लोग इसी उत्साह के साथ वोट डालेंगे।

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