जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) का पहला चरण आज शुरू हो रहा है। यह चुनाव अनुच्छेद 370 हटने के बाद का पहला बड़ा लोकतांत्रिक प्रयोग है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस चुनाव की क्या है खास बातें, कौन-कौन से दिग्गज मैदान में हैं और कैसे किए गए हैं सुरक्षा के इंतजाम।
जम्मू-कश्मीर में आज एक नए युग की शुरुआत हो रही है। 10 साल के लंबे इंतजार के बाद यहां विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) का पहला चरण शुरू हो रहा है। यह सिर्फ एक चुनाव नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की जीत का जश्न है।
चुनाव की तैयारियां
चुनाव आयोग ने इस विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) के लिए कड़ी मेहनत की है। पहले चरण में 7 जिलों की 24 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके लिए 3,276 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। शहरी इलाकों में 302 और गांवों में 2,974 मतदान केंद्र हैं। हर केंद्र पर 4 चुनाव कर्मी तैनात रहेंगे।
मतदाताओं का उत्साह
इस चुनाव में 23 लाख से ज्यादा लोग वोट डालेंगे। इनमें करीब 12 लाख पुरुष और 11.5 लाख महिलाएं हैं। खास बात यह है कि 60 ट्रांसजेंडर मतदाता भी अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे। युवाओं की भागीदारी भी उत्साहजनक है। 18-19 साल के 1.23 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे।
सबका साथ, सबका विकास
इस विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में हर तबके का ख्याल रखा गया है। 28,309 दिव्यांग मतदाता और 15,774 बुजुर्ग (85 साल से ऊपर) भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। यह दिखाता है कि लोकतंत्र में हर किसी की आवाज महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त
चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो, इसके लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं। पुलिस महानिरीक्षक वी.के. बिरदी ने कहा है कि हर मतदाता बिना डर के वोट डाल सके, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।
रोचक मुकाबले
इस चुनाव में कई दिलचस्प मुकाबले देखने को मिलेंगे। कुलगाम से माकपा के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर डूरू से तीसरी बार मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस की सकीना इटू दमहाल हाजीपोरा से चुनाव लड़ रही हैं।
बिजबेहरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद वीरी और भाजपा के सोफी मोहम्मद यूसुफ आमने-सामने हैं।
पुलवामा सीट पर भी कड़ा मुकाबला है। यहां पीडीपी के वहीद पारा, जो एक मामले में आरोपी हैं, अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद खलील से कड़ी टक्कर मिल रही है।
नया अध्याय
यह विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) जम्मू-कश्मीर के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। इससे यहां के लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलेगा। उम्मीद है कि इस चुनाव से क्षेत्र में विकास को नई गति मिलेगी और लोकतंत्र मजबूत होगा।
लोकतंत्र की जीत
यह चुनाव सिर्फ वोट डालने की प्रक्रिया नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। हर वोट एक बेहतर कल के लिए है। इस विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) से उम्मीद है कि क्षेत्र में शांति, विकास और समृद्धि का नया दौर शुरू होगा।
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