मुंबई के पास कल्याण में स्थित एक नामी-गिरामी स्कूल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। वजह है इस स्कूल द्वारा जारी किया गया एक अजीबोगरीब आदेश, जिसमें छात्रों को तिलक, टिकली, राखी, धागा या बांगड़ी पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस फरमान के बाहर आते ही अभिभावकों में आक्रोश फैल गया और मामला सीधे शिक्षा विभाग तक पहुंच गया।
क्या है पूरा मामला?
कल्याण की मशहूर श्रीमती कांताबाई चंदुलाल गांधी इंग्लिश स्कूल ने हाल ही में एक नियम लागू किया, जिसके अनुसार –
लड़के माथे पर तिलक या हाथ में राखी/धागा नहीं पहनेंगे।
लड़कियों को बांगड़ी पहनने और माथे पर टिकली लगाने से रोका गया है।
अगर कोई विद्यार्थी इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे सज़ा दी जाएगी।
स्कूल प्रबंधन के इस फैसले से छात्र-छात्राओं के माता-पिता नाराज़ हो गए। उनका कहना है कि ये नियम न केवल बच्चों की धार्मिक और सांस्कृतिक आज़ादी पर चोट है, बल्कि शिक्षा संस्थान का अधिकार क्षेत्र भी नहीं है।
अभिभावकों का विरोध
फरमान सामने आने के बाद कई अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए स्कूल को नोटिस जारी कर दिया और जल्द से जल्द जवाब मांगा है।
इतना ही नहीं, नाराज़ अभिभावक ठाकरे गुट के कल्याण विधानसभा संयोजक रुपेश भोईर से मिले और स्कूल के खिलाफ आवाज़ उठाई। इसके बाद ये मुद्दा सीधे कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (KDMC) के शिक्षा विभाग तक पहुंचा। KDMC ने भी स्कूल को नोटिस जारी करते हुए मामले पर खुलासा करने और कारण बताने का आदेश दिया है।
मामला अब जांच के घेरे में
इस विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। कई अभिभावक इस आदेश को बच्चों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धार्मिक मान्यताओं में दखल मान रहे हैं। वहीं, कुछ अन्य गुटों ने भी इस मामले में शिक्षा विभाग से कार्रवाई की मांग की है।
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फिलहाल शिक्षा विभाग ने स्कूल को नोटिस देकर जवाब तलब किया है और आश्वासन दिया है कि अगर नियमों का उल्लंघन पाया गया तो स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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