ब्रिटेन में हुए हालिया चुनावों में काफी बदलाव देखने को मिले। लेबर पार्टी ने 650 में से 412 सीटें जीतकर सत्ता हासिल कर ली। भारतीय मूल के 29 सांसद इस बार चुनाव जीतकर हाउस ऑफ कॉमन्स पहुंचे हैं। इनमें से एक हैं कनिष्क नारायण, जिनका जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। कनिष्क नारायण की इस सफलता ने उनके परिवार और मुजफ्फरपुर के लोगों को गर्व से भर दिया है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कनिष्क नारायण का जन्म मुजफ्फरपुर के दामुचक मोहल्ले में हुआ था। उनके ताऊ, जयंत कुमार, एसकेजे लॉ कॉलेज के निदेशक हैं और उनकी चचेरी बहन श्रेया नारायण, “रॉकस्टार” फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं। कनिष्क की प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा स्कूल में हुई। जब कनिष्क चार साल के थे, तो उनके माता-पिता उन्हें दिल्ली ले आए। वह 12 साल की उम्र तक दिल्ली में ही रहे, इसके बाद उनका परिवार इंग्लैंड चला गया।
इंग्लैंड में जीवन
कनिष्क नारायण 12 साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ इंग्लैंड के वेल्स चले गए। वहां उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और बाद में ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिक अर्थव्यवस्था, और व्यवसाय प्रशासन में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने कई बड़े संस्थानों में काम किया, लेकिन आखिरकार उन्होंने सार्वजनिक सेवा छोड़कर राजनीति में कदम रखा।
राजनीतिक सफर
कनिष्क नारायण ब्रिटिश संसद में वेल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले ब्रिटिश भारतीय बने हैं। वह लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे मुजफ्फरपुर को गर्व से भर दिया है।
परिवारिक कनेक्शन
कनिष्क नारायण का परिवार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और भारत के प्रथम राष्ट्रपति, डॉ. राजेंद्र प्रसाद से जुड़ा है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद, कनिष्क की दादी के दादाजी थे, हालांकि कनिष्क की उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई।
कनिष्क नारायण की कहानी एक प्रेरणादायक सफर है, जो मुजफ्फरपुर से शुरू होकर ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और ब्रिटिश संसद तक पहुंची। उनकी सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है।
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