पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) ने प्रस्तावित खारघर कोस्टल रोड परियोजना को टाल दिया है क्योंकि इससे मैंग्रोव को भारी नुकसान होने की आशंका है।
मैंग्रोव तटीय पारिस्थितिकी तंत्र (coastal ecosystem) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये कई समुद्री जीवों के लिए प्रजनन स्थल का काम करते हैं और तटीय कटाव को रोकने में भी मदद करते हैं।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) ने जलमार्ग-16, खारघर और सीबीडी-बेलापुर में सेक्टर 11 के बीच प्रस्तावित कोस्टल रोड परियोजना को टाल दिया है। समिति का कहना है कि इस सड़क के निर्माण से मैंग्रोव वनों को काफ़ी नुकसान होगा। इसके साथ ही सीबीडी के सेक्टर 15 से नेरुल के वाटर ट्रांसपोर्ट टर्मिनल तक प्रस्तावित लिंक रोड के निर्माण से भी मैंग्रोव को नुकसान पहुँचने की आशंका है।
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समिति ने सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (CIDCO) को इस प्रोजेक्ट में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। समिति की तरफ से तीन वैकल्पिक मार्गों पर विचार करने और सड़क निर्माण के डिज़ाइन में बदलाव के सुझाव दिए गए हैं। सीआईडीसी ने पर्यावरण मंत्रालय के इन सुझावों पर विचार करने की सहमति दी है।
विशेषज्ञ समिति की यह पहल स्वागत योग्य है। विकास संबंधी योजनाओं को लागू करते समय पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है।