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कोलकाता रेप केस: सीबीआई की सख्ती से टूट रहा है आरोपी, सोने की कर रहा गुहार

कोलकाता रेप केस: सीबीआई की सख्ती से टूट रहा है आरोपी, सोने की कर रहा गुहार
कोलकाता रेप केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय लगातार सीबीआई की पूछताछ से परेशान है और सोने के लिए कोर्ट से गुहार लगा रहा है। केस की जांच 53 सबूतों पर टिकी है, जिनकी फॉरेंसिक रिपोर्ट जल्द आने वाली है।

कोलकाता रेप केस में फंसे संजय रॉय की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। लगातार पूछताछ और पुलिस की सख्ती ने उसे इतना परेशान कर दिया है कि वह अब कुछ समय की नींद के लिए तरस रहा है। आरोपी के पास से मिले सबूतों की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी जल्द आने वाली है, जो इस मामले में निर्णायक साबित हो सकती है।

सीबीआई की पूछताछ से बेहाल संजय रॉय

कोलकाता रेप केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय की मानसिक और शारीरिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। सीबीआई की लगातार पूछताछ और सख्ती से वह इतना टूट चुका है कि अब उसे नींद भी नहीं आ रही। वीआईपी कोठरी में बंद होने के बावजूद, वह कोर्ट से गुहार लगा रहा है कि उसे सोने के लिए कुछ समय दिया जाए।

सूत्रों के अनुसार, संजय रॉय ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि उसे कुछ समय के लिए आराम करने का मौका दिया जाए, ताकि वह पूछताछ का सामना कर सके। लगातार पूछताछ के चलते उसकी रातें करवटें बदलते बीत रही हैं, जिससे उसकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है।

53 सबूतों की फॉरेंसिक रिपोर्ट पर टिकी है जांच

संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई की जांच का आधार वे 53 सबूत हैं, जो पुलिस ने घटनास्थल से सीज किए थे। इन सबूतों में आरोपी के अंडर गारमेंट्स, चप्पल, मोबाइल डेटा, कपड़े और हेलमेट शामिल हैं। खासकर, 40 सबूतों की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो आरोपी को कड़ी सजा दिलाने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

पुलिस ने आरोपी के मोबाइल के डेटा को भी क्लोन किया है और घटनास्थल से जुटाए गए वीडियो और बयान भी जांच का हिस्सा हैं। इन सबूतों की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने वाली है, जो इस केस की दिशा तय करेगी।

डिजिटल सबूतों पर भी टिकी है जांच

इस केस में डिजिटल सबूतों की भी अहम भूमिका है। पुलिस ने कोलकाता पुलिस की ट्रैफिक कंट्रोल रूम से संबंधित स्थानों की सीसीटीवी फुटेज को सीज करने का अनुरोध किया है, जिन्हें अहम सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। इसके अलावा, आरोपी के चेहरे पर खरोंच के निशान, फिंगर प्रिंट और पैर के निशानों को भी महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।

सीबीआई की इस मामले में जांच इतनी गहन है कि हर छोटे से छोटे डिजिटल सबूत को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। आरोपी के ब्लड सैंपल की जांच भी की जा रही है ताकि उसे अन्य संभावित संदिग्धों से मिलाया जा सके।


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