कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई एक भयानक घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना ने न केवल मेडिकल जगत को झकझोर दिया है, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय के सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
घटना की जानकारी और अस्पताल का रवैया
9 अगस्त की सुबह, जब ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली, तब से ही इस मामले में कई मोड़ आए। अस्पताल प्रशासन की तरफ से पीड़िता के माता-पिता को किए गए फोन कॉल्स ने इस मामले को और भी रहस्यमय बना दिया।
अस्पताल की असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ने पीड़िता के माता-पिता को तीन अलग-अलग कॉल्स में अलग-अलग जानकारी दी। पहले कॉल में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की हालत ठीक नहीं है और उसे भर्ती किया जा रहा है। दूसरे कॉल में उन्होंने कहा कि उसकी हालत बहुत नाजुक है। और आखिरी कॉल में उन्होंने कहा कि शायद उसने आत्महत्या कर ली है।
ये बदलते बयान अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े करते हैं। क्या वे सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहे थे? क्या उन्होंने जानबूझकर आत्महत्या की बात कही? ये सवाल अब जांच का हिस्सा बन गए हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुला राज
जब 12 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई, तो सच्चाई का एक भयानक चेहरा सामने आया। रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ न केवल रेप किया गया, बल्कि उसकी बेरहमी से हत्या भी की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने पीड़िता का बुरी तरह से शोषण किया। उसके शरीर पर कई चोटों के निशान मिले। उसकी चीखें दबाने के लिए उसका मुंह और गला दबाया गया। इतना ही नहीं, उसके सिर को दीवार से भी टकराया गया।
ये रिपोर्ट बताती है कि ये कोई साधारण अपराध नहीं था। ये एक ऐसी क्रूरता थी जिसने न केवल एक जान ली, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया।
एक सपने का अंत
इस घटना ने न केवल एक जान ली, बल्कि एक सपने को भी तोड़ दिया। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी रोज डायरी लिखती थी। वो एक मेहनती लड़की थी जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर दिन 10-12 घंटे पढ़ाई करती थी।
उसकी आखिरी डायरी में लिखा था कि वो MD कोर्स में गोल्ड मेडलिस्ट बनना चाहती थी। लेकिन एक रात में सब कुछ खत्म हो गया। एक होनहार डॉक्टर का सपना, एक परिवार की उम्मीदें, सब कुछ चकनाचूर हो गया।
न्याय की मांग
इस घटना के बाद पूरे देश में डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी। वे न केवल न्याय की मांग कर रहे थे, बल्कि अपनी सुरक्षा की भी। ये घटना बताती है कि हमारे समाज में अभी भी बहुत कुछ बदलने की जरूरत है।
हमें न केवल कानून को सख्त बनाने की जरूरत है, बल्कि लोगों की सोच को भी बदलने की जरूरत है। हमें एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां हर व्यक्ति, खासकर महिलाएं, सुरक्षित महसूस करें।
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