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केपी शर्मा ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री नियुक्त, क्या फिर भड़केगा भारत के साथ सीमा विवाद

केपी शर्मा ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री नियुक्त, क्या फिर भड़केगा भारत के साथ सीमा विवाद

नेपाल में कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली नए प्रधानमंत्री बने हैं। चीन समर्थक माने जाने वाले ओली का प्रधानमंत्री बनना भारत-नेपाल संबंधों पर असर डाल सकता है। आइए जानते हैं, कौन हैं केपी शर्मा ओली और उनके प्रधानमंत्री बनने से क्या बदल सकता है।

केपी शर्मा ओली कौन हैं?

केपी शर्मा ओली नेपाल के एक प्रमुख कम्युनिस्ट नेता हैं। वे इससे पहले दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। पहली बार अक्टूबर 2015 से अगस्त 2016 तक और दूसरी बार फरवरी 2018 से जुलाई 2021 तक। उनका दूसरा कार्यकाल विवादों में घिरा था, क्योंकि राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा उनकी नियुक्ति को नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया था।

चीन समर्थक ओली का रुख

केपी शर्मा ओली को चीन समर्थक माना जाता है। उनके पिछले कार्यकाल में उन्होंने नेपाल के संबंध चीन के साथ मजबूत किए थे। उन्होंने 2015 में नेपाल का नया संविधान लागू होने के बाद भारत के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। उस वक्त सीमा पर नाकेबंदी हुई थी और ओली ने इस पर कड़ा रुख अपनाया था। नेपाल ने उस समय एक नया नक्शा भी जारी किया था जिसमें उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया था। भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था।

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता

नेपाल में 2008 में राजशाही के अंत के बाद से अब तक 13 सरकारें आ चुकी हैं। इस बार ओली ने शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाई है। 275 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में ओली को 165 सदस्यों का समर्थन मिला है। इनमें से 77 सदस्य उनकी पार्टी सीपीआई-यूएमएल के हैं और 88 सदस्य नेपाली कांग्रेस पार्टी के हैं।

नए गठबंधन और भविष्य

राजनीतिक अस्थिरता के बीच, दोनों दलों के प्रमुखों ने सात सूत्रीय समझौते पर दस्तखत किए हैं। इस समझौते के तहत अगले 18 महीने तक ओली प्रधानमंत्री रहेंगे और उसके बाद नेपाली कांग्रेस का कोई नेता प्रधानमंत्री बनेगा। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य नए गठबंधन को बनाना और प्रचंड को प्रधानमंत्री पद से हटाना था।

भारत-नेपाल संबंधों पर असर

ओली के प्रधानमंत्री बनने से भारत-नेपाल संबंधों पर असर पड़ सकता है। उनकी चीन समर्थक नीति और भारत के खिलाफ कड़े रुख ने पहले भी तनाव पैदा किया था। अब देखना होगा कि ओली इस बार किस तरह की नीति अपनाते हैं और नेपाल को स्थिर भविष्य की ओर ले जाते हैं।

केपी शर्मा ओली का प्रधानमंत्री बनना नेपाल और भारत के संबंधों के लिए एक नया मोड़ ला सकता है। अब सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे नेपाल को राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा में कैसे ले जाते हैं।

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