मुंबई

शिवसेना के गुस्से का शिकार बने कुणाल कामरा, हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत

कुणाल कामरा
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हाल ही में स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर बिना नाम लिए किए गए व्यंग्य से जुड़ा है। इस व्यंग्य के बाद कुणाल कामरा विवादों में घिर गए, जिसके चलते उनके खिलाफ मुंबई पुलिस ने FIR दर्ज की थी। लेकिन अब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कुणाल कामरा को दी गई अंतरिम सुरक्षा को 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?
कुणाल कामरा ने मुंबई के खार इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान एक पैरोडी गीत गाया था। इस गीत में उन्होंने शिवसेना में हुए विभाजन को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया था। ये कार्यक्रम खार के एक होटल में स्थित स्टूडियो में आयोजित हुआ था। इस पैरोडी को लेकर शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने शिकायत दर्ज की, जिसके बाद खार पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

शिकायत के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने 23 मार्च को उस स्टूडियो और होटल में तोड़फोड़ भी की, जहां ये कार्यक्रम हुआ था। इसके अलावा, पुलिस ने कुणाल कामरा को कई बार समन भेजा, लेकिन वो तीन बार समन के बावजूद पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। पुलिस का एक दल उनके माहिम स्थित आवास पर भी पहुंचा, लेकिन वो वहां भी नहीं मिले।

मद्रास हाईकोर्ट से राहत
इस पूरे विवाद के बीच कुणाल कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया और ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रांजिट अग्रिम जमानत ऐसी व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति को उस क्षेत्र में गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा देती है, जहां FIR दर्ज हुई है। कोर्ट ने पहले 7 अप्रैल तक उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी, और अब इस सुरक्षा को 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।

न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने कुणाल कामरा को निर्देश दिया कि वे संबंधित अदालतों से संपर्क करें और जरूरी कदम उठाएं। सुनवाई के दौरान कामरा के वकील वी. सुरेश ने कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ महाराष्ट्र में तीन और FIR दर्ज की गई हैं। वकील ने ये भी दावा किया कि पुलिस ने कुणाल के बुजुर्ग माता-पिता को परेशान किया और उनके कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को भी तलब किया गया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख तय की है।

तमिलनाडु कोर्ट से भी मिली थी जमानत
इससे पहले, तमिलनाडु के वनूर में जिला मुंसिफ-सह-न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने 1 अप्रैल को कुणाल कामरा को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी थी। ये जमानत उन्हें मुंबई में दर्ज FIR के सिलसिले में गिरफ्तारी से बचाने के लिए थी।

विवादों से पुराना नाता
कुणाल कामरा का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। अपने बेबाक अंदाज और तीखे व्यंग्यों के लिए मशहूर कुणाल पहले भी कई बार नेताओं और सरकारों पर निशाना साध चुके हैं। इस बार भी उनके एकनाथ शिंदे पर किए गए कटाक्ष ने नया बवाल खड़ा कर दिया। शिवसेना कार्यकर्ताओं का गुस्सा और पुलिस की कार्रवाई ने इस मामले को और गरमा दिया है।

आगे क्या?
कुणाल कामरा के खिलाफ दर्ज FIR और चल रही कानूनी कार्रवाई इस मामले को और दिलचस्प बना रही है। 17 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट का रुख क्या होगा, ये देखना होगा। साथ ही, ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या इस तरह के व्यंग्य और हास्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में देखा जाएगा या नहीं।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हास्य के बीच की बारीक रेखा पर चर्चा छेड़ दी है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अपने विचार हमारे साथ साझा करें।

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