लेडी डॉक्टर मर्डर केस: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया गया है, और कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ हो रही है। मामले में वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच की जा रही है।
लेडी डॉक्टर मर्डर केस: क्या-क्या हुआ अब तक?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक लेडी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस संवेदनशील मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई कार्रवाई अब और भी गहराई में जा चुकी है। हाल ही में सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया और कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ की है।
पॉलीग्राफ टेस्ट और अन्य जांच प्रक्रियाएं
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान, संजय रॉय को कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में चार घंटे तक परीक्षण से गुजरना पड़ा। यह टेस्ट सीबीआई द्वारा अदालत से अनुमति प्राप्त करने के बाद किया गया। हालांकि, इस टेस्ट को अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके परिणाम सीबीआई को आगे की जांच में एक दिशा दिखाने में मदद कर सकते हैं।
कैसे हुई थी संजय रॉय की गिरफ्तारी?
10 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में लेडी डॉक्टर का शव मिलने के बाद सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर संजय रॉय की गिरफ्तारी की गई थी। रॉय, जो कोलकाता पुलिस के साथ एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा था, पहले एक प्रशिक्षित मुक्केबाज रह चुका है। उसकी गिरफ्तारी के समय एक ब्लूटूथ डिवाइस भी बरामद किया गया, जिसे जांच के लिए भेजा गया।
सीबीआई की विस्तृत छापेमारी और पूछताछ
इस मामले में सीबीआई ने सिर्फ बलात्कार और हत्या के एंगल से ही नहीं, बल्कि मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच शुरू कर दी है। सीबीआई की टीम ने कोलकाता और उसके आसपास के कई स्थानों पर छापेमारी की है, जिनमें पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और अन्य संदिग्धों के आवास शामिल हैं।
मामले के वित्तीय एंगल की जांच
सीबीआई ने इस मामले के वित्तीय अनियमितताओं के एंगल की भी गहराई से जांच शुरू कर दी है। इसके तहत मेडिकल कॉलेज के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं के घरों पर भी छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि इन छापों के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और सबूत बरामद हुए हैं, जिनसे मामले की तह तक जाने में मदद मिल सकती है।
निषेधाज्ञा की अवधि बढ़ाई गई
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और उसके आसपास के क्षेत्र में निषेधाज्ञा की अवधि को एक और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। इस आदेश का उद्देश्य किसी भी प्रकार के उपद्रव को रोकना और शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना है।
कोलकाता के इस हाई-प्रोफाइल मामले में सीबीआई की ताबड़तोड़ कार्रवाई और छापेमारी से यह स्पष्ट है कि जांच एजेंसी मामले की तह तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेडी डॉक्टर के साथ हुए इस जघन्य अपराध ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया है, और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। सीबीआई की जांच से क्या सच सामने आता है, यह देखना अभी बाकी है।
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