महाराष्ट्र

हंसी मजाक या सुपारी? एकनाथ शिंदे ने कुणाल को लिया आड़े हाथ

एकनाथ शिंदे
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कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनके निशाने पर महाराष्ट्र की राजनीति थी, जिस पर किए गए व्यंग्य ने सत्ताधारी नेताओं और उनके समर्थकों का गुस्सा भड़का दिया है। कुणाल के हालिया वीडियो ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस को जवाब देने पर मजबूर कर दिया है। जहां शिंदे ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा की बात की, वहीं फडणवीस ने माफी की मांग की। लेकिन कुणाल ने साफ मना कर दिया। आइए इस पूरे विवाद को विस्तार से समझते हैं।

कुणाल कामरा का व्यंग्य और शिंदे का जवाब
कुणाल कामरा ने अपने नए वीडियो में महाराष्ट्र की राजनीति पर तंज कसा, जिसमें एकनाथ शिंदे और उनकी सरकार पर निशाना साधा गया। इस वीडियो को लेकर शिंदे समर्थकों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली। जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबको है। हम व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। ये किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है। सामने वाले को भी एक स्तर बनाए रखना चाहिए, वरना क्रिया की प्रतिक्रिया तो होगी ही।” शिंदे ने साफ किया कि वो हास्य का सम्मान करते हैं, लेकिन इसे व्यक्तिगत हमले में नहीं बदलना चाहिए।

फडणवीस की माफी की मांग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा को अपने बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए। फडणवीस का मानना है कि इस तरह के व्यंग्य से राजनीतिक माहौल खराब होता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लेकिन कुणाल ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया।

कुणाल कामरा का करारा जवाब
माफी मांगने से इनकार करते हुए कुणाल कामरा ने नेताओं को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, “मुझे सबक सिखाने की धमकी देने वाले नेता ये ध्यान रखें कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सिर्फ शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी के लिए नहीं है। आपकी असमर्थता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदल सकती। जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और राजनीतिक व्यवस्था के सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है।” कुणाल ने ये भी दावा किया कि उनके बयान वही हैं, जो अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के बारे में पहले कहे थे।

योगेश कदम का सख्त बयान
कुणाल के माफी से इनकार करने पर महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश रामदास कदम भड़क गए। उन्होंने कहा, “कुणाल को सजा दी जाएगी। अगर आप सुप्रीम कोर्ट, भारत के प्रधानमंत्री या हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते हैं, तो ये बर्दाश्त करने लायक नहीं है। आप महाराष्ट्र या भारत में इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते। हम कॉमेडी का आनंद लेते हैं, लेकिन इस तरह की कॉमेडी महाराष्ट्र में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” कदम ने साफ कर दिया कि कुणाल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

विवाद का असली मुद्दा क्या है?
ये पूरा मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उसकी सीमा को लेकर बहस छेड़ गया है। कुणाल कामरा का मानना है कि उनका व्यंग्य एक कॉमेडियन का हक है, जिसके जरिए वो सत्ता और व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। वहीं, शिंदे और फडणवीस जैसे नेता इसे व्यक्तिगत हमला मानते हैं। समर्थकों का गुस्सा भी इस बात से भड़का है कि कुणाल ने उनके नेताओं को निशाना बनाया।

कुणाल कामरा का ये विवाद जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा। एक तरफ नेताओं की नाराजगी और सजा की धमकी है, तो दूसरी तरफ कुणाल का अपने स्टैंड पर अडिग रहना। ये मामला अभिव्यक्ति की आजादी बनाम सम्मान की लड़ाई में बदलता जा रहा है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या कुणाल को माफी मांगनी चाहिए या उनका व्यंग्य जायज है? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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