चुनाव आयोग ने हाल ही में राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे लोक सभा चुनाव के प्रत्याशियों के लिए ‘नो-ड्यूज प्रमाणपत्र’ जल्द से जल्द जारी करें। यह सलाह उम्मीदवारों को भी दी गई है कि वे अपने दस्तावेज समय पर जमा करें ताकि उन्हें यह प्रमाणपत्र बिना किसी देरी के मिल सके।
नो-ड्यूज प्रमाणपत्र का महत्व
‘नो-ड्यूज प्रमाणपत्र’ एक ऐसा दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि प्रत्याशी पर किसी भी सरकारी विभाग या संस्था का कोई बकाया नहीं है। यह प्रमाणपत्र चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक है और इसे नामांकन पत्र के साथ जमा करना होता है।
चुनाव आयोग की सलाह
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को यह भी सलाह दी है कि वे अपने नामांकन पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को सही और पूर्ण रूप से जमा करें। इससे उनके नामांकन की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आएगी और वे चुनावी प्रक्रिया में बिना किसी विलंब के भाग ले सकेंगे।
राज्य सरकारों की जिम्मेदारी
चुनाव आयोग ने राज्य सरकारों को भी यह निर्देश दिया है कि वे प्रत्याशियों को नो-ड्यूज प्रमाणपत्र जारी करने में तेजी लाएं और इस प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाएं।
चुनाव आयोग की इस सलाह से उम्मीद है कि लोक सभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया और भी सुचारु रूप से संपन्न होगी और प्रत्याशियों को अपने नामांकन में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। यह चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में मदद करेगा।