मुंबई

मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर में देवी की मूर्तियों से हटा सिंदूर, 40 साल बाद दिखा असली रूप

Mahalakshmi Temple in Mumbai
मुंबई के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में देवी की मूर्तियों पर लगे सिंदूर की मोटी परत को हटाया गया है। यह काम 13 दिनों तक चला और अब देवी की मूर्तियां अपने असली रूप में दर्शन के लिए उपलब्ध हैं।

सिंदूर का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसका उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। महालक्ष्मी मंदिर में सालों से देवी की मूर्तियों पर सिंदूर चढ़ाया जा रहा था जिससे अब एक मोटी परत जम गई थी।

मुंबई के भूलाभाई देसाई रोड स्थित महालक्ष्मी मंदिर अपने अनोखे अनुष्ठान के लिए चर्चा में है। यहां मंदिर के गर्भगृह में विराजमान देवी की मूर्तियों पर लगे 40 साल पुराने सिंदूर को हटा दिया गया है। ‘हिंगुली’ नाम के इस अनुष्ठान के लिए मंदिर को 13 दिनों के लिए बंद किया गया था।

Also Read: मैकडॉनल्ड्स की चीज़ पर गिरी गाज! FDA का दावा – ‘तेल से बनता है फ़ास्ट फ़ूड में इस्तेमाल होने वाला चीज़’

अब श्रद्धालु रात में 9:30 से 10:00 के बीच मूर्तियों के उस स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं जो काले पत्थर को तराश कर बनाया गया था। आमतौर पर दिन में देवी को कपड़े, गहने और सोने का मुखौटा पहनाया जाता है जिसे श्रृंगार कहा जाता है। रात में जब मंदिर बंद होता है तो यह श्रृंगार उतार लिया जाता है और उसके बाद भक्तों को मूर्तियों के असली स्वरूप के दर्शन होते हैं।

मंदिर के मैनेजर नितिन कांबली ने बताया कि, “पूजा के दौरान देवी की मूर्तियों पर लेप के रूप में जो सिंदूर चढ़ाया जाता है उसकी कई परतें जम गई थीं। अब इन परतों को बड़ी सावधानी से हटाया गया है।”

Mahalakshmi Temple in Mumbai

Credit: Indianexpress

महालक्ष्मी मंदिर मुंबई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि वर्ली की खाड़ी में डूबे एक पुराने मंदिर से इन मूर्तियों को निकाला गया था। इसके बाद वर्ली द्वीप को मालाबार हिल से जोड़ने के लिए जब एक बांध बनाया जा रहा था तब इन्हें फिर से खोजा गया और इसी जगह पर यह मंदिर बनाया गया।

Also Read: मुंबई के कचरे से बनेगी बिजली, सालाना पैदा होंगी 17 मिलियन यूनिट

महालक्ष्मी मंदिर की यह पहल श्रद्धालुओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय हो रही है। आम भक्तों को ऐसे मौके कम ही मिलते हैं जब वो किसी देवी या देवता की मूर्ति को उसके असली रूप में देख सकें।

You may also like