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महाराष्ट्र: पतंग के मांझे से 12 बाइक सवार लोगों का कटा गला

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महाराष्ट्र: मकर संक्राति जहां एक तरफ खुशियां लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर ये त्योहार पक्षियों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी बेवक्त मौत की सौगात लेकर आता है। अब आप सोचेंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मकर संक्रांति की खुशियां मनाने के लिए लोग जो पतंग उड़ाते हैं और उस पतंग के लिए चायनीज नायलॉन के मांझे का इस्तेमाल करते हैं, वो पक्षियों के साथ-साथ इंसानों की भी जान ले रहा है।

जी हां हर साल की तरह इस साल भी कई लोग हवा में तैरते इस मौत के धागे के शिकार हो गए हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो महाराष्ट्र में खबर लिखे जाने तक 12 लोगों के गले इस धागे की वजह से कट चुके हैं।

हैरानी की बात है कि हर साल राज्य सरकार की ओर से चायनीज मांझे के इस्तेमाल पर रोक लगाती है, लेकिन बावजूद इसके लोग इस नायलॉन के मांझे का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते। क्या आप ये नहीं सोच रहे कि आपकी खुशी से कहीं बहुत ही ज्यादा किसी की जान कीमती है? क्यों कुछ पल की खुशियों के लिए किसी की पूरी जिंदगी छीन ले रहे हैं? क्या नायलॉन का मांझा आपके लिए इतना इम्पॉर्टेंट है कि आप किसी के जान की परवाह भी नहीं करते?

जानकारी हो कि 3 दिन पहले मसूद खान नाम का युवक जब भिवंडी ब्रिज से होते हुए अपनी बाइक से जा रहा था तो उसी समय उनकी गर्दन में पतंग का मांझा आकर लिपट गया, जिससे उनका गला कट गया। इससे पहले साल 2023 की 14 जनवरी को इसी ब्रिज पर संजय हजारे नाम के युवक की मौत इसी तरह पतंग के मांझे की वजह से चली गई थी। वहीं कुछ दिनों पहले भिवंडी के ही एक युवक की गर्दन में मांझे वाला धागा लिपट गया था। वो तो शुक्र था कि उस युवक की गर्दन हेलमेट की वजह से बच गई।

हैरानी की बात है कि इस तरह के कई मामले में लोगों की जान गई, बावजूद इसके लोग इस धागे का इस्तेमाल करना बंद नहीं कर रहे हैं। इसका जीती-जागता उदाहरण ये है कि पुलिस ने कल्याण डोंबिवली में 6 दुकानदारों पर नायलॉन का धागा बेचने की वजह से कार्रवाई की है। इसके अलावा मीरा रोड के काशीगांव पुलिस ने 10 हजार रुपये से ज्यादा का चायनीज मांझा कब्जे में लिया है और इस धागे को बेचने वाले 2 दुकानदार के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। यही नहीं नागपुर में 25 लाख से ज्यादा के नायलॉन मांझे पर पुलिस ने रोड रोलर चलाया है।

ये तो कुछ ऐसे मामले हैं, जिसके बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई, लेकिन बहुत सारे ऐसे दुकानदार और व्यापारी हैं जो बिना किसी डर के ये मौत का मांझा बेच रहे हैं। उन लोगों से हम कहना चाहते हैं कि, एक बार ये सोचिए कि अगर गलती से कभी आपके या आपके किसी अपनों के गले में ये धागा लिपट जाए और भगवान ना करे कि उनकी मौत हो जाए तो फिर कैसा लगेगा आपको? यकीनन बहुत तकलीफ होगी। तो फिर किसी और की जान के साथ ये खिलवाड़ आप क्यों कर हैं?  बांटना ही है तो खुशियां बांटिए मौत का सामान क्यों बांट रहे हैं साहब?

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